भारत में लंबे समय से शांति भंग करने के प्रयासों में जुटा लुधियाना विस्फोट का संदिग्ध मुल्तानी
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- जसविंदर सिंह मुल्तानी जर्मनी में पुलिस हिरासत में लिया गया
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से कथित संबंध रखने वाले जसविंदर सिंह मुल्तानी को भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर संबंधित अधिकारियों ने जर्मनी में हिरासत में ले लिया है। जर्मन अधिकारियों को पर्याप्त सबूत दिए गए थे कि मुल्तानी भारत में वांछित (वॉन्टेड) है और बड़ी साजिश का हिस्सा है। राजनयिक माध्यम से उसे अंतत: बर्लिन में हिरासत में ले लिया गया। अब संभावना है कि उसे मुकदमे का सामना करने के लिए भारत लाया जाएगा।
खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि मुल्तानी पूरे भारत में अराजकता जैसी स्थिति पैदा करना चाहता था। इससे पहले बलबीर सिंह राजेवाल समेत कई किसान नेता उसकी हिट लिस्ट में थे। वह उन्हें मारना चाहता था, ताकि पूरे देश में नरसंहार हो सके। पंजाब पुलिस के डोजियर के अनुसार, वह भारत के खिलाफ युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में माहिर है। खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि भारत में लोगों की भर्ती के लिए पाकिस्तान की आईएसआई आर्थिक रूप से उसकी मदद कर रही है।
मुल्तानी लुधियाना जिला एवं सत्र न्यायालय विस्फोट मामले में एक संदिग्ध है। वह कथित तौर पर बर्खास्त किए गए पंजाब पुलिस कांस्टेबल गगनदीप सिंह के निकट संपर्क में था, जिसने बम लगाया और बम के अचानक फट जाने से उसकी ही मौत हो गई। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने जानकारी इकट्ठी की और विस्फोट में एक अंतरराष्ट्रीय एंगल पाया। उन्हें पता चला कि गगनदीप अक्सर मुल्तानी से संपर्क करता था। मुल्तानी को पकड़ने के लिए इस इनपुट को बर्लिन में संबंधित अधिकारियों के साथ साझा किया गया था।
खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि मुल्तानी आतंकवाद सहित कई भारत विरोधी अभियान चला रहा था। मुल्तानी के खिलाफ पंजाब में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। उस पर भारत में आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया गया है। उसके खिलाफ सात फरवरी को पहला मामला अमृतसर में दर्ज किया गया था। पुलिस ने तरनतारन, अमृतसर और फिरोजपुर से चार लोगों को हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया था और जांच के दौरान मुल्तानी का नाम सामने आया था। मुल्तानी ने कथित तौर पर एक आरोपी जीवन सिंह को पैसे भेजे और उसे दंगे जैसी स्थिति पैदा करने के लिए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल को मारने का काम सौंपा।
मुल्तानी के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी इसी साल अगस्त में तरनतारन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उस पर हैंड ग्रेनेड सप्लाई करने का आरोप था। 23 दिसंबर को लुधियाना के जिला एवं सत्र न्यायालय में धमाका हुआ था। कथित तौर पर बम रखने वाले गगनदीप सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वह बम को फिक्स कर रहा था कि अचानक विस्फोट हो गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि गगनदीप मुल्तानी समेत अंतरराष्ट्रीय आकाओं के संपर्क में था। बताया जा रहा है कि मुल्तानी ही एक हैंडलर के जरिए गगनदीप को आतंकी हमले के लिए उकसा रहा था।
(आईएएनएस)
Created On :   29 Dec 2021 8:00 PM IST