पेट दर्द के चलते फिर बिगड़ी मुलायम सिंह की तबीयत, अस्पताल में हुए भर्ती, 23 दिन पहले ही लगवाई थी वैक्सीन

mulayam singh yadav admitted in Medanta Hospital in delhi
पेट दर्द के चलते फिर बिगड़ी मुलायम सिंह की तबीयत, अस्पताल में हुए भर्ती, 23 दिन पहले ही लगवाई थी वैक्सीन
पेट दर्द के चलते फिर बिगड़ी मुलायम सिंह की तबीयत, अस्पताल में हुए भर्ती, 23 दिन पहले ही लगवाई थी वैक्सीन
हाईलाइट
  • पेट में दर्द की शिकायत के बाद हुए थे भर्ती
  • मुलायम सिंह यादव की तबियत नासाज

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव (SP leader Mulayam Singh Yadav) को गुरुवार को बैचेनी और पेट दर्द की शिकायत के चलते मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में भर्ती करवाया गया है। जिसके बाद डॉक्टरों ने मुलायम की कई जाचें की और काफी समय तक उन्हें निगरानी में रखा। वहीं, 23 दिन पहले ही मुलायम को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई थी। डॉक्टरों ने मुलायम की हालत में थोड़ा सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी है। 

साल 2019 में भी हुए थे अस्पताल में भर्ती

बता दें कि नवंबर और दिसंबर 2019 में भी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को पेट में दर्द की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। इससे पहले मुलायम को साल 2019 जून में भी पेट दर्द की शिकायत के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था। मुलायम सिंह की उम्र 82 साल है और उन्हें लगातार पेट में दर्द की शिकायत रहती है। लंबे समय से मुलायम सिंह बीमार चल रहे हैं, जिसके कारण उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। फिलहाल गुरुवार को मुलायम की स्थिति में सुधार होने पर डॉक्टरों ने मुलायम को अस्पताल से घर भेज दिया है। 

पारिवारिक विवाद

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के बीच का झगड़ा काफी समय तक चर्चा में रहा है। इन दोनों के बीच का झगड़ा उनके खुद के घर से शुरु हुआ था। परिवार के बीच पैदा हुए झगड़े को लेकर अन्य पार्टियों ने भी परिवार पर कई बार निशाना साधा है। वहीं, अमर सिंह (Amar singh) को मुलायम सिंह के घर के झगड़े की वजह भी करार दिया गया था। जिसका नतीजा ये हुआ कि जब अखिलेश को मुलायम सिंह ने पार्टी से बर्खास्त किया तब अखिलेश ने मुलायम को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। 

मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच के झगड़े की शुरुआत चाहे जहां से भी हुई हो लेकिन दोनों के बीच तनातनी पार्टी के टिकट को लेकर ही हुई थी। जिसके बाद अखिलेश यादव ने साफ कह दिया था कि उनकी ही  लिस्ट के अनुसार चुनावी टिकट दिए जाएंगे। जिसमें अर्पणा यादव का नाम भी शामिल नहीं किया गया था। 
इस मामले को लेकर अर्पणा ने मीडिया से कहा था कि पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं था क्योंकि उस समय वो चुनाव के लिए तैयार नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि जब वो चुनाव के लिए तैयार हुई तो उन्हें पार्टी ने चुनाव के लिए टिकट दे दिया था। हालाकिं अपर्णा यादव (Aparna Yadav) ने भी उनके ससुर और जेठ के बीच चल रहे मतभेद को स्वीकार किया था। 

बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

वहीं, आज भी अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने नेशनल डॉक्टर्स डे की शुभकामनाएं दी और कहा कि ‘’पूरे कोरोना काल में भाजपा सरकार पूरी तरह से नाकाम है तो ऐसे समय में भी डॉक्टरों ने ही आगे आकर मोर्चा संभाला है। उन्हें चतुर्दिक सुरक्षा देना सरकार का दायित्व है। डॉक्टर जीवन की आशा का दूसरा नाम होता है’’।

Created On :   1 July 2021 2:35 PM IST

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