MP Floor test: बीजेपी की याचिका पर कल सुनवाई करेगा SC, कमलनाथ सरकार और स्पीकर को नोटिस जारी
- MP में बीजेपी की फ्लोर टेस्ट की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली
- राज्यपाल ने भी सीएम कलमनाथ को मंगलवार को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। राज्य में फ्लोर टेस्ट पर अब भी सस्पेंस बरकरार है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई करने का फैसला लिया है। फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर बीजेपी की ओर से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार और स्पीकर को नोटिस जारी किया। कोर्ट कल 10.30 बजे फिर से सुनवाई करेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई इसलिए टालनी पड़ी क्योंकि कांग्रेस सरकार की तरफ से कोर्ट में कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। सुनवाई के दौरान जजों ने कहा, वे दूसरे पक्ष की भी बात सुनना चाहते हैं। कोर्ट ने सभी पक्षकारों, मुख्यमंत्री और स्पीकर को नोटिस जारी किया है। सभी को कल अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में पेश होना होगा।
Supreme Court begins hearing the petition filed by former MP CM, Shivraj Singh Chouhan, and others to hold immediate floor test in Madhya Pradesh State Assembly. pic.twitter.com/BIW2ODW9jq
— ANI (@ANI) March 17, 2020
सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी बहस में शामिल हुए। रोहतगी ने अपनी दलील में कहा, मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बीजेपी विधायकों ने मध्य प्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार का तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। शिवराज सिंह के साथ गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा सहित 9 विधायकों ने याचिका दायर की है।
राज्यपाल ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कलमनाथ को आज (17 मार्च) फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। राज्यपाल ने सोमवार शाम करीब 5 बजे कमलनाथ सरकार के नाम एक पत्र जारी कर कहा था, यदि वे मंगलवार को बहुमत साबित नहीं करते हैं तो उनकी सरकार को अल्पमत में मान लिया जाएगा। राज्यपाल के इस आदेश के बाद मुख्यमंत्री का काफिला सोमवार रात राजभवन पहुंच गया। राज्यपाल से मिलने के बाद कमलनाथ ने कहा, हमारे पास बहुमत है। मीडिया से चर्चा के दौरान कमलनाथ ने कहा, हमारे पास आज भी पूर्ण बहुमत है, जिन्हें ये लगता है कि हमारे पास बहुमत नहीं है वे सदन में अविश्वास प्रस्ताव ले आएं।
मध्य प्रदेश में राजनीतिक हालात अस्थिर
गौरतलब है कि, कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद से मध्य प्रदेश में राजनीतिक हालात अस्थिर बने हुए हैं। सियासी उठापटक के बीच प्रदेश की कमलनाथ सरकार के सामने बहुमत साबित करने का संकट है। हालांकि सोमवार को फ्लोर टेस्ट की संभावना थी, लेकिन विधानसभा के स्थगित होते ही सीएम कमलनाथ को राहत मिल गई, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। यानी सोमवार को कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं करना पड़ा।
विधानसभा स्थगित होने के बाद बीजेपी पहुंची SC
हालांकि इसके बाद बहुमत परीक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की तरफ से सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई। बीजेपी के सभी विधायक राज्यपाल से मिलने राजभवन भी पहुंचे। राज्यपाल से मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है। इसलिए राज्यपाल ने सरकार को निर्देश दिया था कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट कराया जाए, लेकिन मुख्यमंत्री बच रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं उनकी सरकार अल्पमत में है।
बहुमत के लिए 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत
कुल 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में दो विधायकों के निधन के बाद ये संख्या घटकर 228 रह गई है। कांग्रेस के 22 में से 6 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद सदन में 222 सदस्य रह गए हैं। अब बहुमत साबित करने के लिए 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। वहीं 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं यानि बहुमत से चार कम। बीजेपी के पास 107 विधायक हैं यानि बहुमत से पांच कम। ऐसी स्थिति में गैर बीजेपी गैर कांग्रेस विधायक होंगे किंग मेकर। जिसमें दो बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा), एक समाजवादी पार्टी (सपा) और चार निर्दलीय विधायक हैं।
Created On :   17 March 2020 2:39 AM GMT