नए नहीं है नेताओं पर जूताबाजी के किस्से, बुश से लेकर आडवाणी तक हो चुके हैं शिकार
- नरसिम्हा राव अकेले नहीं है
- जो जूताफेंक का शिकार हुए। दुनिया के कई बड़े नेताओं पर भी भरी सभा में जूता फेंका गया।
- बुश
- पी चिदंबरम
- नवीन जिंदल
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
- लालकृष्ण आडवाणी
- अरविंद केजरीवाल हो चुके हैं शिकार।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। अचानक उनपर एक शख्स ने जूता फेंक दिया। उनपर यह हमला किस वजह से किया गया यह तो साफ नहीं हो सका, लेकिन इससे सियासत की कई पुरानी जूताबाजी की घटनाएं याद आ गईं। नरसिम्हा राव अकेले नहीं है, जो जूताफेंक का शिकार हुए। दुनिया के कई बड़े नेताओं पर भी भरी सभा में जूता फेंका जा चूका है।
अन्ना हजारे के साथ लोकपाल का समर्थन करते देखे गए अरविंद केजरीवाल ने बाद में दिल्ली की कमान संभाली। केजरीवाल की यह सियासी पारी हमलों के हवाले ही रही। उनपर कई मौकों पर लोगों ने हमले किए। कभी उनपर स्याही फेंकी गई, कभी तमाचे मारे गए। 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान जब केजरीवाल प्रचार कर रहे थे, तब उनपर एक शख्स ने जूता फेंका।
लोकसभा चुनाव 2009 में जब प्रधानमंत्री पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी जी रेस में थे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पद का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन यह बात कटनी के पावस अग्रवाल नाम के युवक को नहीं जमी। पावस ने आडवाणी को झूठा लौह पुरुष बताते हुए उनपर खड़ऊ फेंका। पावस के अनुसार आडवाणी पीएम प्रत्याशी नहीं हो सकते।
साल 2009 की बात है, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन अहमदाबाद में एक रैली कर रहे थे। तब भीड़ में मौजूद एक इंजीनियरिंग छात्र ने सिंह पर जूता फेंका। सुरक्षा गार्डों द्वारा पकड़े जाने पर छात्र ने माना कि यह उसने केवल पब्लिसिटी स्टंट के लिए किया था। हालांकि सिंह ने छात्र को माफ कर दिया था।
कुरुक्षेत्र से सांसद रहे उद्दयोगपति नवीन जिंदल पर साल 2009 में कार्यक्रम के दौरान एक शिक्षक ने जूता फेंका। बाद में पता चला कि राजपाल नामक व्यक्ति अपने बेटे को नौकरी ना दिए जाने से नाराज था।
अप्रैल 2009 में पी. चिदंबरम लोकसभा चुनाव के माहौल के बीच एक प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। उसी प्रेस कांफ्रेंस में आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक जरनैल सिंह मौजूद थे। तब पत्रकार रहे सिंह ने चिदंबरम पर जूता फेंका, हालांकि जूता उन्हे लगा नहीं। सिंह से बाद में पूछा गया तो पता लगा कि वह सिख दंगों के आरोपी जगदीश टायटलर और सज्जन कुमार को लोकसभा टिकट दिए जाने से नाराज थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यु बुश 14 दिसंबर 2008 को बगदाद में एक कार्यक्रम में इराक के राष्ट्रपति नूरी अल मलीकी के साथ मौजूद थे। बुश पत्रकारों से बात कर ही रहे थे कि भीड़ में उपस्थित पत्रकार मुंताधार-अल-जैदी ने उन पर एक के बाद एक दो जूते फेंके। गनीमत रही कि बुश को चोट नहीं आई, लेकिन मलीकी के गार्ड्स ने उसे पकड़ लिया, जिसके बाद जैदी को नौ महीने का कारावास मिला।
Created On :   18 April 2019 5:45 PM IST