हरियाणा: खट्टर कल CM पद की शपथ लेकर मनाएंगे दिवाली, दुष्यंत होंगे डिप्टी सीएम
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। मनोहर लाल खट्टर ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात के बाद उन्हें इस्तीफा सौंप दिया है। खट्टर कल (रविवार) दिवाली के पर्व पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता के शपथ लेंगे। खट्टर को आज (शुक्रवार) सुबह 11 बजे हुई बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। बता दें हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बना रही है। जेजेपी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री होंगे। दुष्यंत चौटाला को पहले ही जननायक जनता पार्टी के विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।पार्टी सूत्रों का कहना है शपथ ग्रहण समारोह के कुछ दिन बाद ही नए मंत्रिमंडल का गठन होगा।
हरियाणा में चलेगी साफ-सुथरी सरकार
विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने कहा, विधायकों ने सर्वसम्मति से मुझे नेता चुना है, मैं इसके लिए सभी का धन्यवाद देता हूं। जिस तरह से हमने पिछले पांच साल में सरकार चलाई है उसी तरह अगले पांच साल भी साफ सुथरी सरकार चलाने का प्रयास करेंगे। मैं प्रदेश की जनता को भी धन्यवाद देता हूं।
गोपाल कांडा से किया किनारा
विधायक दल की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मीडिया से बातचीत में साफ कर दिया है कि गोपाल कांडा से कोई समर्थन नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी जेजेपी और 6 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के हरियाणा में नई सरकार बना रही है।
Chandigarh: Manohar Lal Khattar has been elected BJP"s legislative party leader. #Haryana pic.twitter.com/R1DPhZTKvL
— ANI (@ANI) October 26, 2019
भारतीय जनता पार्टी 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के जादुई आंकड़े 46 से छह सीट पीछे रह गई थी। इसके बाद जजपा ने शुक्रवार की रात भाजपा को अपना समर्थन दे दिया। इसकी एवज में जजपा प्रमुख दुष्यंत या उनकी मां नैना चौटाला को उप-मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति हुई।चुनाव के बाद गठबंधन की घोषणा गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नई दिल्ली में अपने आवास पर की। शाह के आवास पर भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के साथ खट्टर भी मौजूद थे।शाह ने कहा, दोनों दलों ने जनादेश का सम्मान करने के लिए सरकार बनाने का फैसला किया है। यह तय किया गया है कि मुख्यमंत्री भाजपा से जबकि उप-मुख्यमंत्री जजपा से होगा। दुष्यंत ने कहा कि उनकी पार्टी ने हरियाणा में सरकार की स्थिरता के लिए भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है।
इससे पहले भाजपा को सात निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ ही पूर्व मंत्री गोपाल कांडा का समर्थन भी मिल गया था, मगर अब उसने भाजपा को समर्थन देने वालों में कांडा का नाम शामिल नहीं करने का फैसला किया है। क्योंकि पार्टी को कांडा का समर्थन लेने पर सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। कांडा पर 2012 में एयरलाइन कर्मचारी गीतिका शर्मा और 2013 में उसकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। जजपा का गठन प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी रही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से पारिवारिक विवादों के बाद हुआ। हरियाणा में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने वाली जजपा ने 10 सीटें हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की।
Created On :   26 Oct 2019 10:05 AM IST