माणिक भट्टाचार्य पर निजी प्रशिक्षण कॉलेजों की दाखिला फीस में हिस्सेदारी लेने का आरोप
- जांच का विषय
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के मुख्य गवाह तापस मंडल ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य में निजी प्रारंभिक शिक्षा (डी.ई.एल. एड) कॉलेजों में विभिन्न डिप्लोमा कोर्स में दाखिले की फीस से हुई आय में हिस्सेदारी ली।
ऐसे निजी डी.ई.एल.एड कॉलेजों के एक छत्र संगठन ऑल बंगाल टीचर्स ट्रेनिंग अचीवर्स एसोसिएशन (एबीटीटीए) के अध्यक्ष मंडल भट्टाचार्य के करीबी सहयोगी थे। वह खुद ऐसे कई निजी कॉलेज चलाते थे। घोटाले से संबंधित पूछताछ का सामना करने के लिए बुधवार को वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के सामने पेश हुए।
प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों से संक्षेप में बात करते हुए मंडल ने भट्टाचार्य के खिलाफ कुछ गंभीर आरोप लगाए, जिसने ईडी के निष्कर्षो की पुष्टि की कि कुछ निजी प्रशिक्षण कॉलेजों में ऑफलाइन पंजीकरण के लिए जाने वाले उम्मीदवारों को प्रत्येक को 5,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता था, जिसका एक हिस्सा भट्टाचार्य को जाता था। इस समय वह प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं।
मंडल ने कहा, उम्मीदवारों को ऑफलाइन पंजीकरण के लिए प्रत्येक को 5,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता था। वह लोगों को मेरे कार्यालय में फाइलें और नकदी लेने के लिए भेजता था, जिसकी पुष्टि मेरे कार्यालय के कर्मचारियों ने की है। यह पूछे जाने पर कि लोगों को उनके कार्यालय में भेजने वाला कौन था, मंडल ने कहा, माणिक बाबू।
इस बीच ईडी के सूत्रों ने बताया कि नियमानुसार ऐसे निजी प्रशिक्षण कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। हालांकि, ऑनलाइन प्रवेश पूरा होने के बाद कुछ सीटें अक्सर खाली रह जाती थीं। इन खाली सीटों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण किया गया था, जिसके लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 5,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता था, जिसका एक हिस्सा कथित तौर पर भट्टाचार्य को जाता था।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि यह जांच का विषय है कि ऑफलाइन पंजीकरण के लिए जाने वाले इन उम्मीदवारों को बाद में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था या नहीं। उन्होंने कहा, इस उद्देश्य के लिए तापस मंडल से पूछताछ महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसे इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी की जानकारी है।
ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने 24 अक्टूबर को एक निचली अदालत को सूचित किया था कि केंद्रीय एजेंसी ने प्रारंभिक जांच के बाद भट्टाचार्य और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया है। एडुल्जी ने सूचित किया था कि ईडी ने भट्टाचार्य की पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य और मृत्युंजय चक्रवर्ती नाम के एक मृत व्यक्ति के संयुक्त रूप से रखे गए बैंक खाते से 3 करोड़ रुपये का पता लगाया है।
ईडी के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि भट्टाचार्य के आवास से एक कॉम्पैक्ट डिस्क बरामद हुई है जिसमें 4,000 लोगों के नाम हैं। डब्ल्यूबीबीपीई अधिकारियों के साथ क्रॉस-चेकिंग पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने पुष्टि की कि 4,000 में से 2,500 ने प्राथमिक शिक्षकों के रूप में नौकरी हासिल कर ली है।
आईएएनएस
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Created On :   3 Nov 2022 12:30 AM IST