महाराष्ट्र: सीएम पद के लिए उद्धव नहीं माने तो राउत या सावंत की खुल सकती है किस्मत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के बीच आपसी सहमति बन चुकी है। शुक्रवार को सरकार बनाने की घोषणा भी की जा सकती है। इसी बीच सूत्रों से जानकारी है कि यदि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी नहीं होते हैं तो पार्टी के दिग्गज नेता संजय राउत या अरविंद सावंत सीएम पद की दौड़ में आ सकते हैं। बता दें कि उद्धव के बाद मुख्यमंत्री की दौड़ में राउत ही सबसे आगे हैं। इससे पहले भी गुरुवार को NCP अध्यक्ष शरद पवार ने राउत को सीएम बनाने की इच्छा जाहिर की थी।
Sanjay Raut, Shiv Sena when asked,"if Sharad Pawar has suggested his (Raut) name for the post of Maharashtra CM": This is incorrect. People of Maharashtra want Uddhav Thackeray as the Chief Minister. pic.twitter.com/izojZozj2B
— ANI (@ANI) November 22, 2019
तीनों दलों के बीच गुरुवार को हुई बैठक के दौरान राउत और आदित्य ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए समझाया था। साथ ही पवार ने भी सीएम बनने के लिए उद्धव को मनाने का प्रयास किया। हालांकि अब तक उद्धव ने पद संभालने के लिए हामी नहीं भरी है। वहीं पवार ने सीएम पद के लिए राउत का नाम आगे किया तो राउत ने शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "यदि शरद पवार ने महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए मेरे नाम का सुझाव दिया है, तो यह गलत है। राउत ने बताया कि प्रदेश की जनता उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है।"
संजय राउत के अलावा केंद्र मंत्री रह चुके पार्टी नेता अरविंद सावंत का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए उभरकर सामने आ रहा है। बता दें कि सावंत, अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके है। उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद कहा था कि "लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे दोनों पक्षों ने स्वीकार किया था, लेकिन इससे इंकार कर शिवसेना को झूठा बताने की कोशिश की गई। यह चौंकाने वाला है और राज्य के स्वाभिमान पर धब्बा है।"
जानकारी के मुताबिक राउत और सावंत के बाद पार्टी सांसद सुभाष देसाई को भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है, लेकिन शिवसेना के साथ कांग्रेस और NCP भी चाहती हैं कि सीएम पद की कमान किसी अनुभवी नेता को सौंपी जानी चाहिए। ऐसे में शिवसेना में उद्धव ठाकरे से ज्यादा राजनीतिक अनुभव किसी भी पार्टी नेता के पास नहीं है। इस स्थिति में उद्धव को ही मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की जाएगी। वहीं यदि आदित्य को सीएम बनाया जाता है, तो कांग्रेस और NCP असहज हो सकती हैं, क्योंकि आदित्य को राजनीति का गहरा अनुभव नहीं है।
Created On :   22 Nov 2019 12:10 PM IST