MP Crisis: स्पीकर के वकील सिंघवी ने मांगा 2 हफ्ते का समय, SC ने कहा- जल्द हो फ्लोर टेस्ट
- बहुमत परीक्षण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई
- भोपाल से लेकर बेंगलुरू और सुप्रीम कोर्ट तक मप्र का सियासी ड्रामा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से जारी सियासी ड्रामा अभी तक नहीं थमा है। भोपाल से लेकर बेंगलुरू और देश की सर्वोच्च न्यायालय तक ड्रामा चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में आज (19 मार्च) एक बार फिर बहुमत परीक्षण के मसले पर सुनवाई हुई। पूर्व सीएम और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा में जल्द फ्लोर टेस्ट करवाने की गुहार लगाई थी। गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर को जल्द फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है। वहीं स्पीकर की ओर से पेश वकील सिंघवी ने दो हफ्ते का समय मांगा है।
Supreme Court begins hearing the petition filed by former Madhya Pradesh CM BJP leader, Shivraj Singh Chouhan, and others to hold floor test in the State Assembly. pic.twitter.com/d7DO4LgQe5
— ANI (@ANI) March 19, 2020
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुनवाई हुई। सीएम कमलनाथ की ओर से पेश हो रहे वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, राज्यपाल के पास ये मत देने के लिए कोई आधार नहीं है कि सरकार बहुमत खो चुकी है। उन्होंने कहा, अगर सदन स्थगित अवस्था में हो तो राज्यपाल विशेष सत्र बुला सकते हैं लेकिन जब सत्र चल रहा है तो वे फ्लोर टेस्ट का आदेश नहीं दे सकते हैं।
सिंघवी ने मांगी दो हफ्ते की मोहलत
विधानसभा स्पीकर की ओर से पक्ष रख रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा, विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लेने का अधिकार सिर्फ स्पीकर का है, लेकिन उनके अधिकार में दखल देने का प्रयास किया जा रहा है और फ्लोर टेस्ट का मंत्र जपा जा रहा है। सिंघवी ने कोर्ट से मोहलत मांगते हुए कहा, इस्तीफों पर विचार करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया जाए। कांग्रेस के बागी विधायकों को वापस उनके घर भोपाल आने दें।
Advocate AM Singhvi who is representing Madhya Pradesh Speaker told Supreme Court, "please give me two weeks time to decide. Let the rebel MLAs come back to MP, their homes" https://t.co/M5Jswhi3dl
— ANI (@ANI) March 19, 2020
इस्तीफों को लेकर सवाल उठाते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, क्या स्पीकर ने इस्तीफों की जांच की है? सिंघवी ने कहा, स्पीकर को जांच करने में लगभग 2 हफ्ते का समय लगेगा। जस्टिस ने कहा जोड़तोड़ को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए, जल्द फ्लोर टेस्ट हो। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या स्पीकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो सकते हैं? इस पर सिंघवी ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों में दखल नहीं दिया जाना चाहिए। नई सरकार में 16 लोग फायदा ले लेंगे। सिंघवी ने ये भी कहा कि, आप दो हफ्तों का समय दीजिए। विधायकों को नोटिस जारी हो चुका है। वक्त मिलते ही निश्चिंतता के साथ फ्लोर टेस्ट हो जाएगा।
एक दिन के अंदर इस्तीफों पर लें फैसला- SC
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के 16 बागी कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय एक दिन के अंदर लेने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि 16 बागी विधायकों की वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग होगी और अदालत इसके लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। शीर्ष न्यायालय ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बागी विधायक तटस्थ स्थान पर विधानसभा अध्यक्ष के सामने खुद को पेश कर सकते हैं।
सत्य की विजय होगी- शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- हम आराम से हैं, विधायक आराम से हैं और आने वाले समय को देखते हुए जनता भी आराम से है। सत्य की विजय होगी, न्याय की जीत होगी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर हम सबका विश्वास है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान : हम आराम से हैं, विधायक आराम से हैं और आने वाले समय को देखते हुए जनता भी आराम से है। सत्य की विजय होगी, न्याय की जीत होगी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर हम सबका विश्वास है। #MadhyaPradeshCrisis pic.twitter.com/jxMZDy7LZm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछे सवाल
दरअसल फ्लोर टेस्ट की मांग वाली बीजेपी की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई टाल दी गई थी, क्योंकि कांग्रेस की तरफ से पक्ष रखने के लिए कोई भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ था। इसके बाद बुधवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति से सवाल पूछा कि, 16 विधायकों के इस्तीफे क्यों नहीं स्वीकार किए गए। मध्यप्रदेश के सियासी संकट पर अदालत से लेकर बेंगलुरु तक राजनीतिक दांव पेंच जारी हैं।
बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पर कड़ा रुख अख्तियार किया था और 16 विधायकों के इस्तीफे ना स्वीकारने का कारण पूछा। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा, आखिर आपने विधायकों के इस्तीफे पर अभी तक फैसला क्यों नहीं लिया? अगर आप संतुष्ट नहीं हैं, तो विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार कर सकते हैं। आपने 16 मार्च को बजट सत्र को टाल दिया। अगर बजट पास नहीं करेंगे, तो राज्य सरकार का कामकाज कैसे चलेगा? अदालत में कांग्रेस और भाजपा पक्ष के वकीलों में कई बार गरमागरम बहस भी हुई। भाजपा के वकीलों ने सभी 16 बागी विधायकों को पेश करने की इच्छा जाहिर की थी, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया था।
MP Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से पूछा- विधायकों के इस्तीफे पर अब तक क्यों नहीं लिया फैसला
"विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे कांग्रेस नेता"
अदालत में कानूनी पहलुओं पर इस मसले को मापा जा रहा है, वहीं भोपाल और बेंगलुरु में भी सियासी खेल जारी है। भोपाल में भाजपा ने दिग्विजय सिंह की शिकायत चुनाव आयोग से की है। भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।
बेंगलुरु में भी मप्र का सियासी ड्रामा
वहीं दूसरी ओर बुधवार को बेंगलुरु में सियासी ड्रामा चरम पर रहा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सुबह-सुबह बागी विधायकों से मिलने रिजॉर्ट पहुंचे, लेकिन राज्य पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। शाम तक वो बाहर आए तो कर्नाटक हाईकोर्ट में विधायकों से मिलने की इजाजत मांगी लेकिन याचिका ही खारिज हो गई।
Created On :   19 March 2020 3:25 AM GMT