लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों के पलायन से कंपनियों को बड़ा नुकसान, नहीं मिल रहे स्किल्ड लेबर

Lockdown coronavirus skilled migrant labourers memes suffered badly
लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों के पलायन से कंपनियों को बड़ा नुकसान, नहीं मिल रहे स्किल्ड लेबर
लॉकडाउन: प्रवासी मजदूरों के पलायन से कंपनियों को बड़ा नुकसान, नहीं मिल रहे स्किल्ड लेबर

डिजिटल डेस्क, पुणे। देश में लागू लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर बड़े पैमाने पर पलायन कर रहे हैं। इस कारण देश के तमाम शहरों समेत पुणे में भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बुरी तरह से नुकसान हुआ है। पिंपरी चिंचवाड़ में 11,000 MSMEs हैं। देशव्यापी तालाबंदी से पहले यहां 4.50 लाख कर्मचारी थे। इनमें से तीन लाख श्रमिक दूसरे राज्य और शहर के थे। करीब 2 से 2.50 लाख मजदूर अपने घर वापस चले गए हैं। यह बात श्री इंजीनियरिंग कंपनी के मालिक और पिंपरी चिंचवाड़ लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष संदीप बेलसारे मे एएनआई को बताई। 

उन्होंने बताया कि कई मजदूर मार्च और अप्रैल महीने की सैलरी लेने के बाद अपने घरों के लिए रवाना हो गए। अब हम प्रवासी श्रमिकों पर निर्भरता कम करने के लिए सरकारी अधिकारियों से बात करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए उद्योग महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। 

ऑलिव ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक निसान सुतार ने कहा कि हमारी कंपनी में 65-75 प्रतिशत लोग महाराष्ट्र के बाहर से हैं। 50 प्रतिशत वर्कर्स अपने घरों के लिए रवाना हो चुके हैं। हमारा बिजनेस 70 फीसदी डाउन हो गया है। यह 4 से 5 महीने तक ऐसा ही रहेगा। 

क्वाड्रोजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रोडक्शन हेड और ऑपरेशन इंचार्ज संदीप नीलख ने कहा कि प्रवासी श्रमिक ज्यादातर कुशल थे। उनमें से कई चले गए हैं। हमारे उत्पाद आमतौर पर निर्यात होते हैं। इसलिए हम उच्च स्तर के गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हैं। हमारी जरूरते कुशल श्रमिकों के नहीं होने से प्रभावित हो रही है। एक उद्योगपति ने कहा, मेरी कंपनी में 25 श्रमिक थे। जिनमें से 23 दूसरे राज्य के थे। वह सभी कोविड19 के कारण अपने घर चले गए। अब दो मजदूरों के साथ मैं अपना काम कैसे शुरू नहीं कर सकता। 
 

Created On :   20 May 2020 9:02 AM IST

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