आरोपी साधु की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी कर्नाटक की अदालत
- लड़कियों को सरकारी सुविधा में रखा जा रहा है
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत शुक्रवार को लिंगायत मठ सेक्स स्कैंडल मामले में बलात्कार के आरोपी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारुओ की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश बी.के. कोमल, जिन्होंने पहले आरोपी साधु को तरजीही उपचार प्रदान करने और उसे बेंगलुरु शिफ्ट करने की कोशिश करने के लिए अभियोजन पक्ष की आलोचना की थी, आदेश सुनाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी साधु को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। हृदय सर्जन डॉ महेश मूर्ति और डॉ परमेश्वर ने कहा कि एंजियोग्राम के बाद रक्तचाप सामान्य है। आरोपी को बुधवार को दिल की बीमारी को देखते हुए शिवमोग्गा के मेगगांव अस्पताल में इलाज की अनुमति दी गई थी। मुरुघा शरणारू को दो नाबालिग लड़कियों की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने उन पर यौन शोषण और उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया था।
उन्होंने मैसूर के एनजीओ ओदानदी से संपर्क किया और बाद में एनजीओ ने मामले को आगे बढ़ाया। घटनाओं के एक नाटकीय मोड़ के बाद, आरोपी शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू को मठ परिसर से गिरफ्तार किया गया और जेल में रखा गया। बाद में उसे पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया।
मुरुघा शरणारू पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोस्को) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। लड़कियों को सरकारी सुविधा में रखा जा रहा है। इसी बीच आरोप सामने आए हैं कि आरोपित साधु एक दशक से भी अधिक समय से नाबालिग बच्चों का यौन शोषण कर रहा है। लड़कियों का शोषण करने के लिए मठ में उसका एक सुस्थापित नेटवर्क था। जूनियर पोंटिफ और कई प्रगतिशील विचारकों ने चुनौती दी है कि उन्होंने यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को अपनी इच्छा से मठ की संपत्ति और धन दिया था।
(आईएएनएस)
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Created On :   23 Sept 2022 3:00 PM IST