आज के ही दिन जन्मे थे पंडित जवाहर लाल नेहरू, जानिए पंडित नेहरू के जीवन से जुड़ी अनसुनी कहानियां
- नेहरु जी ने अपने जीवन के लगभग नौ साल जेल में ही बिताए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को स्वतंत्रता दिलाने और स्वतंत्रता के बाद देश को आगे बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरु की 14 नवंबर को 133 वीं जयंती मनाई जाएगी। देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर साल 1989 को प्रयागराज में हुआ था। नेहरु जी देश को संम्पूर्ण स्वतंत्रता दिलाना चाहते थे जो उन्होंने अपने अथक परिश्रम से प्राप्त भी किया। नेहरु जी बच्चों को देश का भविष्य मानते थे और उन्हें बच्चों से बहुत अधिक लगाव था।
उनके इसी लगाव की वजह से उनके जयंती को "बाल दिवस" के रुप में मनाया जाता है। अपने चाचा नेहरु के लिए बच्चों के लगाव का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब साल 1954 में दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में नेहरु जी का जन्मदिन मनाया गया तब वहां पचास हजार से अधिक बच्चे मौजूद थे। चाचा नेहरु जी के जयंती के अवसर पर आइए जानते हैं उनके जीवन के कुछ अज्ञात तथ्यों के बारे में-
- पंडित जवाहर लाल नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर 1989 में प्रयागराज में हुआ था, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता होगी कि उनका जन्म एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था।
- पंडित नेहरु जी ने अपना ग्रेजुएशन साल 1910 में प्राकृतिक विज्ञान से किया था। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने लंदन से लॉ की पढ़ाई की और 1912 में भारत लौट कर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील का पद संभाला।
- साल 1927 में पंडित नेहरु जी ही थे जिन्होंने देश में पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता का विचार प्रकट दिया था।
- साल 1929 में नेहरु जी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर विराजे और देश को पूर्ण स्वतंत्रत दिलाने अहम भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने इसी साल लाहौर की विशाल जनसभा में भारतीय ध्वज तिरंगा फहराया था।
- स्वतंत्रता आदोलन में नेहरु जी 9 बार जेल में गए और अपने जीवन के लगभग नौ साल जेल में ही बिताए। साल 1934-35 में जेल में रहकर ही उन्होंने अपनी आत्मकथा "स्वतंत्रता की ओर" लिखी। जो साल 1936 में यूएस में पब्लिस हुई थी।
- साल 1950 से 1955 के दौरान पंडित नेहरु जी को 11 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
- देश की आजादी के बाद नेहरु जी को चार बार मारने का प्रयास किया गया। जिसमें पहला प्रयास भारत-पाक विभाजन के दौरान किया गया तथा अन्य तीन प्रयास 1955, 1956 और 1961 में किए गए थे।
- पंडित नेहरु जी ने 27 मई 1964 को अपनी अतिम सांसे ली थी, उनका निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ था।
Created On :   13 Nov 2022 9:08 PM IST