जब वाजपेयी के भाषण को सुनकर नेहरू ने की थी भविष्यवाणी
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- 1957 में वाजपेयी बलरामपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य बनकर सदन पहुंचे थे।
- 28 वर्ष की उम्र में अटल बिहारी वाजपेयी संसद पहुंचे थे।
- पं. जवाहरलाल नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था- आप देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
- भाषण से प्रभावित होकर नेहरू ने कहा एक दिन वाजपेयी देश के पीएम बनेंगे।
- वाजपेयी 1996 में पहली बार 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने।
- वाजपेयी ने लोकसभा में कश्मीर मुद्दे को ओजस्वी भाषण देकर उठ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। "यह युवा एक दिन जरूर देश का प्रधानमंत्री बनेगा" ये बात पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के लिए देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने संसद में 1957 में कही थी, वो भी सिर्फ उनके एक भाषण को सुनने के बाद। संसद में नेहरू की तरफ से कही गई यह बात 1996 में सच साबित हुई। अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी ऐसी ही कई बातें हैं, जो काफी दिलचस्प और अभी तक अनसुनी हैं।
जानिए वाजपेयी के बारे में अनसुनी बातें-
- वाजपेयी 1996 में पहली बार 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने थे।
- अटल बिहारी वाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
- 1977 में अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने। वो मंत्री बनने वाले जन संघ के पहले सदस्य हैं।
- नरेन्द्र मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी विभूषित किया।
- वाजपेयी ने कानपुर के डीएवी कॉलेज में अपने पिता के साथ लॉ की पढ़ाई की है। दोनों एक ही रूम में रहा करते थे।
- सार्वजनिक जीवन की शुरुआत उन्होंने एक पत्रकार के रूप में की, उन्होंने स्वदेश और वीर अर्जुन में सम्पादन कार्य किया।
- पीएम रहते हुए नेशनल हाईवेज डेवलप प्रोजेक्ट (NHDP) और पीएम ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी बड़ी और प्रमुख योजनाएं उन्हीं के कार्यकाल में शुरू की गईं। NHDP के तहत देश के चार प्रमुख महानगरों मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता को आपस में सड़क से जोड़ा गया। वहीं PMGSY के तहत देश के गांवों को जोड़ने के लिए हर मौसम में कारगार सड़कों का जाल बिछाया जाना था।
- प्रधानमंत्री रहते हुए वाजपेयी ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और विश्व में देश की बेहतर छवि बनाने के लिए निजीकरण को लेकर अभियान भी चलाया।
- वाजपेयी 9 बार सांसद के रूप में लोकसभा पहुंचे। दो बार राज्यसभा भी पहुंचे।
- वाजपेयी को 1992 में पद्मविभूषण और 1994 में बेस्ट पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड भी मिल चुका है।
- उन्हें लोग प्यार से "बाप जी" भी कहते हैं। 2005 के बाद स्वास्थ्य कारणों के चलते सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए।
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एक बार पंडित नेहरू ने किसी विदेशी अतिथि से अटल बिहारी वाजपेयी का परिचय संभावित भावी प्रधानमंत्री के रूप में कराया था। किताब में 1977 की एक घटना का जिक्र किया गया है। जिससे यह पता चलता है कि पंडित नेहरू के प्रति वाजपेयी के मन में बहुत ज्यादा आदर सम्मान था। 1977 में वाजपेयी विदेश मंत्री बने और जब कार्यभार संभालने के लिए साउथ ब्लॉक के अपने दफ्तर पहुंचे तो उन्होंने गौर किया कि वहा पर लगी नेहरू की तस्वीर गायब है। उन्होंने तुरंत अपने सेकेट्री से इस बारे में पूछा तो पता चला कि कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर वह तस्वीर वहां से हटा दी थी। शायद इसलिए क्योंकि नेहरू विपक्षी दल के नेता थे, लेकिन वाजपेयी ने तुरंत आदेश दिया कि उस तस्वीर को फिर से वहीं लगाया जाए।
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इन बातों का वरिष्ठ पत्रकार किंगशुक नाग ने अपनी किताब 'अटल बिहारी वाजपेयी- ए मैन फॉर ऑल सीजन' में जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है एक बार जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए तो पंडित नेहरू ने वाजपेयी से उनका विशिष्ट अंदाज में परिचय कराते हुए कहा, इनसे मिलिए। ये विपक्ष के उभरते हुए युवा नेता हैं और हमेशा मेरी आलोचना करते हैं लेकिन इनमें मैं भविष्य की बहुत संभावनाएं देखता हूं।
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अटल बिहारी वाजपेयी 28 वर्ष की उम्र में बलरामपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य बनकर सदन पहुंचे थे। लोकसभा में कश्मीर मुद्दे को वाजपेयी ने ओजस्वी भाषण देकर उठाया। सदन में उनके भाषणों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को प्रभावित किया। विदेशी मामलों में वाजपेयी की जबर्दस्त पकड़ के चलते पंडित नेहरू उनके कायल हो गए। उस वक्त वाजपेयी लोकसभा में सबसे पिछली बेंच पर बैठते थे, इसके बावजूद भी नेहरू उनके भाषणों को बहुत ज्यादा तवज्जो देते थे।
Created On :   16 Aug 2018 12:13 PM IST