बल्ला विवाद: कैलाश विजयवर्गीय बोले- कमिश्नर और आकाश कच्चे खिलाड़ी
- आकाश और निगम कमिश्नर को बताया कच्चा खिलाड़ी- कैलाश विजयवर्गीय
- अधिकारियों को अंहकारी नहीं होना चाहिए- कैलाश विजयवर्गीय
- बल्ला विवाद को बताया दुर्भाग्यपूर्ण घटना- कैलाश विजयवर्गीय
डिजिटल डेस्क, इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को कच्चा खिलाड़ी बताया है। कैलाश ने कहा, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मुझे लगता है कि आकाश और नगर निगम कमिश्नर दोनों ही अभी कच्चे खिलाड़ी हैं। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं थी, लेकिन इसे बहुत बड़ा बना दिया गया। मुझे लगता है कि अधिकारियों को इतना अंहकारी नहीं होना चाहिए। मैं खुद महापौर के पद पर रहा हूं निगम की कार्रवाई को अच्छी तरह से समझता हूं।
Kailash Vijayvargiya, BJP on his son BJP MLA Akash Vijayvargiya: It is very unfortunate. I think there was mishandling from both the sides. Kachhe khiladi hain - Akash ji bhi aur nagar nigam commissioner. It wasn"t a big issue but it was made huge. pic.twitter.com/y9dPvcUvG3
— ANI (@ANI) July 1, 2019
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए। मैं इस घटना में इसकी कमी देखता हूं। ऐसी घटना दोबारा न हो, दोनों पक्षों को यह बात समझनी चाहिए। मैं एक बार पार्षद, महापौर और विभाग का मंत्री था। बारिश के दौरान हम किसी भी आवासीय इमारत को ध्वस्त नहीं करते हैं। मुझे यह जानकारी नहीं है कि ऐसा आदेश किसने जारी किया। यदि सरकार ने यह आदेश जारी किया तो यह उसकी गलती है।
Kailash Vijayvargiya, BJP on his son BJP MLA Akash Vijayvargiya: I was once a Councillor, Mayor Minister of the dept, we don"t demolish any residential building during rains. I don"t know if an order for the same was issued by the govt, if it wasn"t,it"s a fault on their part pic.twitter.com/M81tI7X6Em
— ANI (@ANI) July 1, 2019
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, यदि किसी इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है, तो निवासियों के लिए एक "धर्मशाला" में रहने की व्यवस्था की जाती है, लेकिन ये नगर निगम का दुर्व्यवहार था। महिला स्टाफ और महिला पुलिस होनी चाहिए थी। यह अपरिपक्व था। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।
Kailash Vijayvargiya, BJP: If a building is being demolished anyway, then arrangements are made for the residents to live in a "dharamshala". There was mishandling from Nagar Nigam. Women staff women police should have been there. It was immature. This should not happen again. https://t.co/aLM4B4sKcl
— ANI (@ANI) July 1, 2019
बता दें कि 26 जून को बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर में एक जर्जर मकान को तोड़ने आए नगर निगम के अमले की कार्रवाई पर भड़क गए। उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से नगर निगम के एक अफसरों की पिटाई कर दी। इसके बाद उन्हें इस मामले में जेल जाना पड़ा। रविवार को आकाश जमानत पर रिहा हुए हैं।
Created On :   1 July 2019 11:14 AM IST