जम्मू-कश्मीर सरकार ने किसानों के लिए सेंसर आधारित स्मार्ट कृषि परियोजना को मंजूरी दी
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- पॉलीहाउस
डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू और कश्मीर सरकार ने 30.40 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी परियोजना- सेंसर आधारित स्मार्ट कृषि को मंजूरी दे दी है, जिसमें कृत्रिम गभार्धान द्वारा संचालित प्रौद्योगिकी के साथ कृषि के एकीकरण और प्रथाओं के स्वचालन के लिए आईओटी, संसाधन उपयोग दक्षता और लाभप्रदता में वृद्धि की परिकल्पना की गई है।
यह परियोजना इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और ऑटोमेशन के उपयोग के साथ पौधों के माइक्रॉक्लाइमैटिक मापदंडों की निगरानी के लिए साल भर नकदी फसलों की खेती के लिए हाई-टेक पॉलीहाउस के उपयोग को सक्षम बनाएगी।
परियोजना के तहत, उच्च घनत्व वाले सेब के बागों, संरक्षित खेती और स्मार्ट पशुधन खेती पर सेंसर आधारित पायलट अध्ययन किया जाएगा। इसका उद्देश्य संसाधनों के उपयोग को बढ़ाना और दक्षता में 80 प्रतिशत तक सुधार करना और सेब, सब्जियों और पशुओं के उच्च घनत्व वाले रोपणों में सटीकता के साथ कृषि कार्यों को स्वचालित करना है।
कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कहा- परियोजना का परिणाम संसाधन उपयोग दक्षता में 50-80 प्रतिशत की वृद्धि, सेब की सेंसर-आधारित ग्रेडिंग और छंटाई प्रणाली का विकास और कीट और रोग प्रबंधन के लिए एक निर्णय समर्थन प्रणाली का विकास होगा। रोबोटिक्स और ड्रोन का उपयोग करके रीयल-टाइम पहचान और परिवर्तनीय दर स्प्रे उत्पादन लागत को 80 प्रतिशत तक कम कर देगा। प्रस्ताव का उद्देश्य पशुधन और फेनोटाइपिंग और उपज भविष्यवाणी के लिए एक सेंसर कॉरिडोर बनाना है।
उन्होंने कहा कि आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लनिर्ंग के क्षेत्र में स्नातक, प्रमाणपत्र और डिप्लोमा धारकों वाली प्रशिक्षित जनशक्ति सेंसर आधारित कृषि प्रणाली में एक नई स्टार्टअप संस्कृति का निर्माण करेगी। यह परियोजना उन 29 परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें जम्मू-कश्मीर में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय सर्वोच्च समिति द्वारा सिफारिश किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया था।
आईएएनएस
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Created On :   17 Feb 2023 10:00 PM IST