मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने पर जयंत सिन्हा बोले- कानून के दायरे में रहकर किया काम
डिजिटल डेस्क, रांची। मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने पर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने सफाई दी है। सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने कानून के दायरे में रहकर ही यह काम किया है। जयंत सिन्हा ने कहा, "जब इन लोगों को कोर्ट से जमानत मिली तो वे मेरे घरे आए। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। इसमें कुछ गलत नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है। दोषियों को सजा होगी और निर्दोष बरी होंगे।"
When these people got bail, they came to my house, I wished them well. Let law take its own course in the future, the accused will be punished and those innocent will be set free: Union Minister Jayant Sinha pic.twitter.com/nPNKh6Gpv3
— ANI (@ANI) July 7, 2018
गौरतलब है कि जयंत सिन्हा ने झारखंड के रामगढ़ मॉब लिंचिंग केस में आरोपी बनाए गए 8 लोगों को जमानत मिलने पर उनका स्वागत किया था। स्वागत की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं। विपक्षी नेता भी इस मामले में केंद्रीय मंत्री पर निशाना साध रहे हैं। बात बढ़ने पर शनिवार को जयंत सिन्हा ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी।
जयंत सिन्हा ने कहा, "रामगढ़ मॉब लिंचिंग केस में रांची हाई कोर्ट ने आरोपियों की सजा को सस्पेंड कर दिया है और उन्हें जमानत दी है। इस केस की सुनवाई फिर से होगी। मुझे अपने देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मैंने कानून के दायरे में रहकर अपना काम किया। बदकिस्मती से कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं, लेकिन मैं बता दूं कि जो दोषी होगा उसे सजा जरुर मिलेगी और जो निर्दोष होगा, उसे बरी कर दिया जाएगा।"
In the Ramgarh case(mob lynching), the Ranchi High Court, which is the first court of appeal, has suspended the sentence of the accused and released them on bail while admitting their case. The case will once again be re-heard: Jayant Sinha,Union Minister (file pic) pic.twitter.com/8zdy403V2z
— ANI (@ANI) July 7, 2018
I have full faith in our judiciary and rule of law. Unfortunately,irresponsible statements are being made about my actions when all that I am doing is honoring due process of law.Those that are innocent will be spared and guilty will be appropriately punished:Jayant Sinha
— ANI (@ANI) July 7, 2018
बता दें कि 29 जून 2017 को 40 साल के अलीमुद्दीन अंसारी को रामगढ़ शहर में भीड़ ने कार में बीफ ले जाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला था। इस साल मार्च में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 11 लोगों को इस घटना में आरोपी माना था। हालांकि पिछले हफ्ते झारखंड हाईकोर्ट ने इनमें से 8 लोगों की सजा पर रोक लगा दी थी और इन्हें जमानत दी थी।
Created On :   7 July 2018 6:34 PM IST