जम्मू-कश्मीर ने केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों की सुविधा के लिए यूसीबी से किया समझौता

Jammu and Kashmir has tied up with IOB for the convenience of the students of the Union Territory
जम्मू-कश्मीर ने केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों की सुविधा के लिए यूसीबी से किया समझौता
जानिए क्या होगा फायदा ? जम्मू-कश्मीर ने केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों की सुविधा के लिए यूसीबी से किया समझौता
हाईलाइट
  • इंडिया ग्लोबल फोरम के आयोजन के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने भारत में व्यावसायिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के साथ संस्थागत साझेदारी के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में संभावित प्रगति के अवसरों का पता लगाने के लिए इंडिया ग्लोबल फोरम, दुबई में यूनिवर्सिटी कॉलेज बर्मिघम (यूसीबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

यूसीबी ने पहली बार स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ करने, अकादमिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों की सुविधा और छात्रों को कम शुल्क पर प्रवेश सुरक्षित करने में सक्षम बनाने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। जम्मू के उद्योग और वाणिज्य निदेशक अनू मल्होत्रा और यूनिवर्सिटी कॉलेज बर्मिघम में मार्केटिंग, दाखिला और अंतर्राष्ट्रीय भर्ती के निदेशक एलीन प्रायर ने ताज दुबई में भारत के महाधिवक्ता, अमन पुरी की उपस्थिति में इंडिया ग्लोबल फोरम के आयोजन के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

अनू मल्होत्रा ने कहा, हमने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। हम शैक्षिक कार्यक्रमों का आदान-प्रदान करेंगे और कई चीजें एक साथ करेंगे। मैं उन्हें जम्मू-कश्मीर में आमंत्रित कर रहा हूं। हम उन्हें कुछ कार्यालय स्थान प्रदान करेंगे। हम जल्द से जल्द काम शुरू करेंगे। एलीन ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी कॉलेज बर्मिघम के लिए एक अविश्वसनीय अवसर है। उन्होंने कहा, यह चीजों का पता लगाने, विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करने और उन छात्रों के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है जो सीधे हमारे कार्यक्रमों में नहीं जा सकते। इसलिए यह एक अविश्वसनीय अवसर है। हमारे पास एक बहुत ही सकारात्मक अनुभव है।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एक ढांचा प्रदान करना है, जिसके भीतर पार्टियां स्नातक/ स्नातक छात्रों, तकनीकी कार्यक्रमों, शैक्षणिक गतिशीलता, शिक्षण और अनुसंधान कार्यक्रमों के बदले एक औपचारिक संबंध विकसित करना चाहती हैं। दस्तावेज तीन साल की अवधि के लिए वैध होगा।

(आईएएनएस)

Created On :   21 Dec 2021 1:00 AM IST

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