इसरो ने लॉन्च किया RISAT-2B सैटेलाइट, सीमाओं की निगरानी में करेगा मदद
डिजिटल डेस्क, श्रीहरिकोटा। अंतरिक्ष में भारत को एक और बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा से आज (22 मई) सुबह रीसेट टू बी (RISAT-2B) सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया है। भारत के हर मौसम के रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह "RISAT-2B" का प्रक्षेपण पीएसएलवीसी46 (PSLVC46) रॉकेट से किया गया है। ये चौथा रीसेट सैटेलाइट है। यह सैटेलाइट कृषि, वन, विज्ञान और आपदा प्रबंधन के साथ ही सीमाओं की निगरानी में भी मदद करेगा।
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls
— ANI (@ANI) May 22, 2019
PSLVC46 ने आरआईसैट-2बी को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ ऑर्बिट) में सफलतापूर्वक स्थापित किया है। पीएसएलवी-सी46 के अपने 48वें मिशन पर सुबह साढ़े पांच बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इस उपग्रह का भार 615 किलोग्राम है। इसे प्रक्षेपण के करीब 15 मिनट बाद पृथ्वी की निचली कक्षा में छोड़ा गया। यह सैटेलाइट खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन सहयोग जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा। उपग्रह को 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। यह सैटेलाइट हर मौसम में बादलों के बावजूद सही तस्वीरें ले सकता है। इससे खुफिया गतिविधियों में भी काफी मदद मिलेगी।
BIG CONGRATULATIONS #ISRO!!
#ISROMissions#PSLVC46 successfully injects #RISAT2B into Low Earth Orbit.#ISRO pic.twitter.com/XKzxkuxCAZ
— Doordarshan National (@DDNational) May 22, 2019
इसरो प्रमुख के शिवन ने सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे यह जानकारी देते हुए बेहद खुशी है कि पीएसएलवी46 का लॉन्च सफल रहा। यह बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इस मिशन में लगे सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
"सार" से बनी रहेंगी संचार सेवाएं
रीसैट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भी भेजा गया है। इससे संचार सेवाएं निरंतर बनी रहेंगी। यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा। इस सैटेलाइट के जरिए अंतरिक्ष से जमीन पर 3 फीट की ऊंचाई तक की उम्दा तस्वीरें ली जा सकती हैं। इस सीरीज के सैटेलाइट को सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने के लिए 26/11 मुंबई हमलों के बाद विकसित किया गया था।
ISRO: #PSLVC46 successfully injects #RISAT2B into Low Earth Orbit. pic.twitter.com/FoS7yroqGX
— ANI (@ANI) May 22, 2019
इसरो के मुताबिक बादल रहने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ढंग से नहीं दिखा पाते। सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इस कमी को पूरा करेगा। यह हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश, ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी करेगा। इससे आपदा राहत में और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी।
Created On :   22 May 2019 7:45 AM IST