INX केस: दिल्ली HC ने AIIMS को दिया मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश

INX Media Case : Delhi HC directs AIIMS to constitute a medical board for Chidambarams treatment
INX केस: दिल्ली HC ने AIIMS को दिया मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश
INX केस: दिल्ली HC ने AIIMS को दिया मेडिकल बोर्ड बनाने का निर्देश

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। INX मीडिया मामले के प्रवर्तन निदेशालय (ED) केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने के लिए निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने AIIMS को यह निर्देश पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के इलाज के लिए दिया है। इस गठन में कोर्ट ने हैदराबाद के डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी को भी शामिल करने के लिए कहा है। डॉ. नागेश्वर, चिदंबरम के फैमिली डॉक्टर हैं।

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने AIIMS को यह भी निर्देश दिया कि इससे संबंधित रिपोर्ट को शुक्रवार तक उसके समक्ष प्रसतुत की जाए। दरअसल आज चिदंबरम द्वारा मेडिकल ग्राउंड पर की गई अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने AIIMS को यह निर्देश जारी किए हैं।

चिदंबरम के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दबाव डाला कि वह क्रोहन रोग से पीड़ित हैं, जो हिरासत के दिनों में गंभीर हो गया। अपने पारिवारिक डॉक्टर रेड्डी की देखरेख में चिदंबरम के इलाज पर जोर देते हुए सिब्बल ने यह भी सुझाव दिया कि उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें वहां उपयुक्त वातावरण मिलेगा।

अदालत ने सुझाव दिया कि चिदंबरम को एम्स के निजी वार्ड में सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधा मिल सकती है, जहां देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों की देखरेख में विभिन्न सांसदों, न्यायाधीशों और प्रख्यात व्यक्तियों का समय-समय पर इलाज किया जाता है। यहां तक कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इसी तरह का सुझाव दिया और अदालत को बताया कि चिदंबरम की वरिष्ठ चिकित्सक आहूजा द्वारा जांच की गई है और पूर्व मंत्री के अनुरोध पर आहूजा ने डॉक्टर रेड्डी के साथ बातचीत की है।

चिदंबरम को एम्स में इलाज कराने का आश्वासन देते हुए मेहता ने कहा कि उन्हें कई बार अस्पताल ले जाया गया था और डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि अस्पताल में पूर्व मंत्री को भर्ती करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन सिब्बल मेहता की बात से सहमत नहीं हुए और उन्होंने कहा कि चिदंबरम को उचित चिकित्सा की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एम्स में चिदंबरम को अच्छा माहौल नहीं मिलेगा।

जब सिब्बल अदालत को समझाने में विफल रहे तो उन्होंने कहा कि वह चिदंबरम की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका वापस ले रहे हैं। सिब्बल के जवाब से नाराज अदालत ने टिप्पणी की कि इतने बड़े कद के वकील को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। बता दें कि ED ने 16 अक्टूबर को चिदंबरम की गिरफ्तारी की थी। वह 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।

क्या है मामला ?

कांग्रेस नेता चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए साल 2007 में INX मीडिया को 305 करोड़ रुपए लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी, जिस पर ED ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। वहीं इससे पहले CBI भी चिदंबरम के खिलाफ मई, 2017 में केस दर्ज कर चुकी थी। इसी के चलते 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया, तब से वह अब तक न्यायिक हिरासत में ही है।

Created On :   31 Oct 2019 9:56 PM IST

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