पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ सांसदों का संवाद - ओम बिरला ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

Interaction of MPs with Padma awardees - Om Birla inaugurated the program
पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ सांसदों का संवाद - ओम बिरला ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
उद्घाटन पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ सांसदों का संवाद - ओम बिरला ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
हाईलाइट
  • इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ने पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को संसद भवन परिसर में तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम माननीय संसद सदस्यों के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुतियां का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के जरिए सांसद पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद करेंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधि तथा पद्म पुरस्कारों से सम्मानित विशिष्टजन- दोनों ही समाज के वंचित और उपेक्षित वर्गों के उत्थान और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करते हैं। इसलिए, पद्म पुरस्कार विजेताओं द्वारा अपने अनुभव साझा करने से सांसदों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन को अधिक कुशलता से करने में बहुत मदद मिलेगी।

आजादी का अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि देश में विकास, समृद्धि और शांति आई है और हाल के वर्षों में, देश में अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और अन्य कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

उन्होने यह भी कहा कि आज जब अगले 25 वर्षों के लिए देश के विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है, ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में पद्म पुरस्कार विजेताओं के योगदान से देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बहुत मदद मिलेगी।

लोकतांत्रिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किए जाने पर जोर देते हुए, बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और विषय विशेषज्ञों के बीच नियमित संवाद होना चाहिए ताकि उनके ज्ञान को और समृद्ध किया जा सके और विधायिका कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक अधिक शक्तिशाली मंच बन सके।

इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ने पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया और सर्वश्रेष्ठ पहल नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया। लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया।

इस कार्यक्रम का आयोजन लोक सभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड ) द्वारा किया गया।

(आईएएनएस)

Created On :   23 March 2022 5:00 PM IST

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