भारत की इस स्वेदेशी वैक्सीन का डेल्टा वैरिएंट पर चला था जादू, कोरोना वायरस के खिलाफ रही 50% प्रभावी
- "कोवैक्सीन" की दो खुराक सिम्प्टोमैटिक मामले में रही प्रभावी
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत की स्वदेशी वैक्सीन को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है, जिसके मुताबिक,"कोवैक्सीन" की दो खुराक सिम्प्टोमैटिक मामले में 50 फीसदी प्रभावी रही है। "द लैंसेट" इंफेक्शियस डिजीज जर्नल की स्टडी में इस बात दावा किया गया है। "द लैंसेट" में छपी रिपोर्ट के अनुसार, कोवैक्सीन की 2 खुराक सिम्प्टोमैटिक केस में 77.8 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और बाद में पेशेंट के साथ कोई चिंता भी पैदा नहीं हुई।
क्या है सिम्प्टोमैटिक केस
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिसर्च के अनुसार, कोई भी सिम्प्टोमैटिक व्यक्ति दूसरों को आसानी से संक्रमित कर सकता है। वैज्ञानिकों की मानी तो, अगर एक सिम्प्टोमैटिक व्यक्ति किसी रेस्तरां में एसी की हवा में बैठा है तो, वो अपने साथ लगभग 10 लोगों को कोरोना की चपेट में ले सकता है। इटली के एक कस्बे की टेस्टिंग के अनुसार, 43.2 प्रतिशत सिम्प्टोमैटिक मरीज और सीरियस कोरोना पेशेंट के वायरल में ज्यादा अंतर नहीं पाया गया था।
कैसे होता है कोवैक्सीन प्रभावित
- अगर आपके शरीर में कोरोना के कोई लक्षण नहीं है और फिर भी आप संक्रमित है तो, कोवैक्सीन आपको 63.6 प्रतिशत की सुरक्षा प्रदान करेगा।
- दूसरी लहर में सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन 65.2 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है।
- सार्स-सीओवी-2 वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ कोवैक्सीन 70.8 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है।
- कोरोना के गंभीर लक्षणों के खिलाफ कोवैक्सीन 93.4 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करती है।
बता दें कि,15 अप्रैल से 15 मई के बीच नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि कि एम्स में 2 हजार 714 अस्पताल कर्मियों पर नई स्टडी की गई है, जो सिम्प्टोमेटिक की चपेट में थे।
Created On :   24 Nov 2021 3:07 PM IST