भारतीय नारी जिन्होंने पेश की महिला शक्ति की मिसाल
- परिवार समाज देश के निर्माण में नारी शक्ति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के इतिहास में जहां पुरूषों का योगदान है वहीं महिलाओं के योगदान में भी कोई कमी नहीं है। पुरूष के साथ साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने वाली भारतीय नारी ने भी कठिन समय में अपने आपको छोंका और परिवार, समाज, देश के निर्माण में अपना सहयोग दिया। घर की चार दिवारी में रहने वाली भारतीय नारी अब न केवल रसोई और परिवार संभाल रही है। बल्कि कई प्रमुख प्रशासन और सत्ता के जिम्मेदार पदों पर रहकर शासन भी चला रही है, राजनीति में अलग- अलग जगह अपनी अहम भूमिका निभा रही है ,और हर क्षेत्र में अपना जलवा बिखेर रही है, और देश को एक नया मार्ग प्रशस्त कर रही है।
1 मेधा पाटकर
नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरूआत पर्यावरणविद् मेधा पाटकर ने की, 1980 से निरंतर वो सरकार से लोहा ले रही है। बांध बनने से विस्थापित हजारों परिवारों की आवाज बनकर उभरी मेधा आज देश में सशक्त नारी के रूप में जानी जाती है जो इलाके के आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए उनकी मुखर आवाज बनकर सरकार के सामने जल जंगल जमीन और जनहित के मुद्दे उठाती है।
2 प्रियंका गांधी वाड्रा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में राजनीति में नारी शक्ति के भविष्य के तौर पर देखी जा रही है। पॉलिटिक्स पॉवर में नारी की आधी भागीदारी को लेकर उनका नया नारा लड़की हूं लड़ सकती हूं, इन दिनों महिलाओं के बीच खूब धूम मचाया हुआ हूं।
3 प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति है, जिनके नेतृत्व में भारत ने नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया। उन्होंने ये सबित कर दिया कि महिलाऐं भी देश हित के लिए बड़े फैसले ले सकती हैं।
4 मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती चार बार देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है। वह भारत में अनुसूचित जाति की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं। उन्होंने अपने कर्यकाल में सभी को संदेश दिया कि महिला किसी भी धर्म या जाति से हो अगर वो चाहे तो अपने जीवन में कुछ भी कर सकती है।
5 ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी हैं। ममता पहले लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची थी। और पहली महिला रेलमंत्री बनी। फिर आगे उन्होंने अपनी खुद कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस का गठन करते हुए चुनाव जीता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री रुप में शपथ ली।
Created On :   7 March 2022 3:24 PM IST