जाकिर नाईक की होगी वापसी, लीगल प्रोसेस में जुटा विदेश मंत्रालय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक को मलेशिया से वापस भारत लाने की तैयारी कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया है कि जाकिर नाईक की वापसी के लिए भारत सरकार मलेशिया से बात करेगी। उन्होंने कहा, "लीगल प्रॉसेस पूरी होने के बाद हम मलेशिया की सरकार से जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे।" गौरतलब है कि भड़काऊ भाषणों के लिए हमेशा से विवादों में रहे जाकिर नाइक को मलेशिया सरकार ने शरण दे रखी है। हाल ही में जाकिर नाईक को मलेशिया की एक मस्जिद में देखा गया था। उन्होंने वहां स्पीच दी थी। जाकिर नाईक को सुनने के लिए मस्जिद में हजारों की संख्या में मुस्लिम इकट्ठे हुए थे। यहां उनके साथ फोटों खिंचवाने के लिए लोगों के बीच जमकर होड़ मची थी।
इस मामले पर मलयेशिया के उप-प्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने बताया था कि जाकिर नाईक को 5 साल पहले ही मलेशिया में स्थायी निवास की मंजूरी दे दी गई थी। उन्होंने कहा था कि मलेशिया में रहते हुए जाकिर नाईक ने कभी कानून नहीं तोड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि जाकिर नाईक के सम्बंध में भारत की ओर से भी उनकी सरकार को कोई आधिकारिक अपील नहीं मिली है। ऐसे में जाकिर नाईक पर कोई कार्रवाई करने का कारण नहीं बनता।
विशेषज्ञों का मानना है कि मलेशिया ने जाकिर को इसलिए अपने यहां इसलिए शरण दी है क्योंकि वह वहां के लोगों के बीच बेहद मशहूर है। ऐसे में अगर सरकार उसे वहां से बाहर निकालती है तो उसका एक बड़ा वोट बैंक उसके हाथ से निकल सकता है। जाकिर नाईक को मलेशिया में शरण मिलने के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि वहां की सरकार कट्टर इस्लाम को बढ़ावा देने की कोशिशों में है। पीएम नजीब रज्जाक की सरकार आने के बाद ऐसे कई उदाहरण मिले हैं।
गौरतलब है कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले में गिरफ्तार किए गए आतंकियों ने बताया था कि उन्होंने जाकिर नाईक से प्रेरित होकर हमलों को अंजाम दिया था। इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने भी उस पर शिकंजा कसना शुरू किया। मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के मामले में नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NIA) नाईक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुका है। भारत सरकार ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। साथ ही भारत में उसकी प्रापर्टी को भी सीज़ कर दिया गया है।
Created On :   3 Nov 2017 11:19 PM IST