आजादी के दिन लाल किले के ऊपर दिखा था 'अर्जन सिंह' का कमाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स के फाइव स्टार रैंक मार्शल अर्जन सिंह का निधन हो गया है। वे 98 वर्ष के थे। 1965 की भारत-पाक जंग में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई थी। शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के RR अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, "हवाई योद्धा मार्शल अर्जन सिंह के निधन से दु:खी। उनके परिवार और वायुसेना समुदाय को संवेदनाएं।" उनकी गंभीर हालत की सूचना मिलते ही पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उनसे मिलने हॉस्पिटल पहुंचे थे।
मार्शल अर्जन सिंह के निधन का दु:ख है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह के निधन पर दु:ख जाहिर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके साथ अपनी कुछ तस्वीरों का साझा करते हुए ट्वीट किया, "भारत IAF के मार्शल अर्जन सिंह के निधन पर दु:खी है। हम देश के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवा को याद करेंगे"।
1962 की लड़ाई में निभाई थी अहम भूमिका
चीन के साथ 1962 की लड़ाई के बाद 1963 में उन्हें वायु सेना उप-प्रमुख बनाया गया था। 1 अगस्त 1964 को जब वायु सेना अपने आप को नई चुनौतियों के लिए तैयार कर रही थी, उस समय एयर मार्शल के रूप में अर्जन सिंह को इसकी कमान सौंपी गई थी।
19 साल की उम्र में आ गई थी देश की जिम्मेदारी
मार्शल अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को लायलपुर (फैसलाबाद, पाकिस्तान) में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा पाकिस्तान के मोंटगोमरी से पूरी की थी। अर्जन सिंह 19 वर्ष की उम्र में पायलट ट्रेनिंग कोर्स के लिए चुने गए थे।
फ्लाइ-पास्ट का भी नेतृत्व
यही नही, अर्जन सिंह ने आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को वायु सेना के 100 से भी अधिक विमानों के लाल किले के ऊपर से फ्लाइ-पास्ट का भी नेतृत्व किया था। पाकिस्तान के खिलाफ जंग में उनकी भूमिका के बाद वायु सेना प्रमुख के रैंक को बढ़ाकर पहली बार एयर चीफ मार्शल किया गया, उन्हें नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
Created On :   16 Sept 2017 6:15 PM IST