सूमी में फंसे छात्रों को लेकर भारत चिंतित
- सूमी में फंसे छात्रों को लेकर भारत चिंतित
डिजिटल डेस्क, संयुक्त राष्ट्र। भारत ने इस बात पर खेद जताया है कि रूस और यूक्रेन की अपील के बावजूद यूक्रेन के सूमी शहर में फंसे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा नहीं बनाया गया है, जबकि 80 से अधिक उड़ानों में 20,000 अन्य भारतीयों को निकाला गया है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने सोमवार को यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर विचार-विमर्श के दौरान सुरक्षा परिषद को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन में शेष भारतीय नागरिकों सहित सभी निर्दोष नागरिकों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की हमारी तत्काल मांग को दोहराया है।
रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजा ने कहा कि मास्को कल सूमी और यूक्रेन के अन्य शहरों से एक सुरक्षित गलियारे की पेशकश कर रहा था।
मास्को में एक बयान में कहा गया है कि सूमी से कॉरिडोर रूस की ओर जाएगा।
पूर्वोत्तर यूक्रेन में सूमी से, रूसी सीमाओं से लगभग 60 किमी दूर, अनुमानित 700 भारतीय छात्रों को निकालने के प्रयासों को गोलाबारी और निकासी के मार्गो पर कीव और मास्को के बीच विवादों के कारण रोक दिया गया है।
यूक्रेन के स्थायी प्रतिनिधि सर्गेई किस्लिट्स्या ने रूस पर सूमी पर अन्य जगहों पर हमले करने का आरोप लगाया ताकि निकासी को रोका जा सके।
वहीं रूसी प्रतिनिधि नेबेंजा ने कहा कि आखिर कौन सा देश निकासी को रोक रहा है। मास्को ने बिना किसी शर्त के सुरक्षित गलियारों की पेशकश की घोषणा की।
लेकिन मास्को में दिए गए बयान से ऐसा लग रहा था कि सूमी से कॉरिडोर रूस को जाएगा।
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान करने में कामयाब रहा। साथ ही सहायता मांगने वाले अन्य देशों के नागरिकों को भी मदद प्रदान किया गया।
उन्होंने कहा, 80 से अधिक निकासी उड़ानें उन्हें घर लाने के लिए आसमान में घूम रही हैं।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्वीट किया था कि सुमी में छात्रों को पोल्टाव के रास्ते पश्चिम में ले जाया जाएगा, लेकिन सोमवार तक यह नहीं हो सका।
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय आपूर्तिकर्ताओं के सात खेप भेजे हैं ,जिनमें दवाएं, चिकित्सा उपकरण, तंबू, तिरपाल, जल भंडारण टैंक, सौर लैंप, स्लीपिंग मैट और कंबल शामिल हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि मानवीय कार्रवाई हमेशा तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होती है। इनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
आईएएनएस
Created On :   8 March 2022 12:00 PM IST