भारत आज लॉन्च करेगा पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज, जाने सागर की सीमाओं पर कैसे सशक्त होगा देश?

समंदर में भारत का गुरूर भारत आज लॉन्च करेगा पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज, जाने सागर की सीमाओं पर कैसे सशक्त होगा देश?
हाईलाइट
  • समंदर में बढ़ेंगी भारत की ताकत

डिजिटल डेस्क, विशाखापट्टनम। भारत अपना पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव शुक्रवार को लॉन्च कर रहा है, इसे लॉन्च करते ही भारत उन 6 देशों में शामिल हो जाएगा जो पहले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
आईएनएस ध्रुव कई मामलों में भारत के लिए कारगर साबित होने जा रहा है, इसमें मिसाइल को ट्रैक करने के अलावा पृथ्वी की निचली कक्षा में उपस्थित सैटेलाइटों पर नजर रखने की भी क्षमता है। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से आज इसे लॉन्च किया जाएगा, लॉन्चिंग के समय भारतीय नौसेना चीफ एडमिरल करमबीर सिंह, राष्ट्रीय तकनीकि अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के प्रमुख अनिल दासमान और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। 

INS Dhruv: Indian Navy to launch 1st nucleur missile tracking ship today.  Check details

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कारगर
10,000 टन का आईएनएस ध्रुव आने वाले समय में एंटी-बैलिस्टिक क्षमताओं को बढ़ावा देगा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिती दर्ज कराएगा। इसे बनाने के पीछे हिंदुस्तान शिपयार्ड की मेहनत और डीआरडीओ और एनटीआरओ का सहयोग है। आईएनएस ध्रुव देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने जा रहा है यह दुश्मन देशों से आ रहे मिसाइलों से आगाह कराएगा। परमाणु बैलिस्टिक युद्ध के अटकलों के बीच यह एक अहम भूमिका निभाएगा।

देश का पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज INS ध्रुव आज होगा लॉन्च, जानें  खासियत - INS Dhruv India s first nuclear missile tracking ship will be  launched today know the specialties NTC -

डीआरडीओ ने दिया अत्याधुनिक सक्रिय रडार
आईएनएस ध्रुव में मौजूद है अत्याधुनिक सक्रिय स्कैन एरे रडार जिसे डीआरडीओ ने तैयार किया है, इस रडार की सहायता से जासूसी करने वाले उपग्रहों पर भी नजर रखी जाएगी, इसके अलावा यह मिसाइल परीक्षणों पर भी अपनी नजरें टिकायें रखेगा। यह भारत के इतिहास में पहला नौसैनिक जहाज होगा जो काफी लंबी दूरी पर मौजूद परमाणु मिसाइलों को भी ट्रैक कर पाएगा।

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दुश्मनों की होगी पूरी निगरानी
आईएनएस ध्रुव में है समुद्र तल को मैप करने की क्षमता है, जिससे यह दुश्मनों की ओर से हो रही हलचल को आसनी से माप सकेगा और दुश्मन की पनडुब्बियों का भी पता लगा लेगा। भूमि विवाद में भारतीय नौसेना के लिए इसकी मौजूदगी काफी कारगर साबित होगी क्योंकि चीन और पाकिस्तान भी बैलिस्टिक क्षमताओं से लैस हैं।

India also has the ability to give submarine to other countries

इन देशों में पहले से हैं ऐसे जहाज
भारत इस जहाज को लॉन्च करने के बाद उन 6 देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास यह क्षमता मौजूद हैं, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन पहले से ऐसे जहाज का इस्तेमाल कर रहे हैं।

Created On :   10 Sept 2021 2:24 PM IST

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