सीरिया में तुर्की के आक्रमण पर बोला भारत, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हो सकती है कमजोर

India slams Turkey for its unilateral military offensive in northeast Syria
सीरिया में तुर्की के आक्रमण पर बोला भारत, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हो सकती है कमजोर
सीरिया में तुर्की के आक्रमण पर बोला भारत, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हो सकती है कमजोर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को कहा कि वह पूर्वोत्तर सीरिया में तुर्की के "एकतरफा सैन्य आक्रमण" से "गहराई से चिंतित" है। भारत ने कहा कि तुर्की की ये कार्रवाई क्षेत्र में अस्थिरता के साथ-साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर कर सकती है। बुधवार को तुर्की के जेट विमानों ने सीरिया में कुर्द-नियंत्रित क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिससे हजारों नागरिक अपने घरों को छोड़कर चले गए।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम तुर्की से संयम बरतने और सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान करते हैं। हम बातचीत और चर्चा के माध्यम से सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह करते हैं।" भारत के अलावा कुर्द बलों के खिलाफ तुर्की के आक्रमण की कई देशों और वैश्विक संगठनों ने निंदा की है। ये संगठन तुर्की पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहे हैं।

इससे पहले भी भारत ने तुर्की के जम्मू-कश्मीर को लेकर दिए बयान पर घेरा था। विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हम तुर्की सरकार से इस मुद्दे पर कोई और बयान देने से पहले जमीनी हकीकत के बारे में जानकारी हासिल करने का आह्वान करते हैं। यह एक ऐसा मामला है जो भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है। रवीश कुमार ने कहा था "JK ने अन्य सभी रियासतों की तरह, इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसेशन पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बावजूद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया।

तुर्की के राष्ट्रपति रेरिचप तैयब एर्दोगन ने दावा किया कि इस हमले में 109 आतंकवादी मारे गए। उन्होंने यह भी कहा कि पूरा ऑपरेशन क्षेत्र में जनसांख्यिकीय संरचना को बहाल करेगा। उधर, सीरियाई अधिकारियों ने तुर्की की इस कार्रवाई को ISIS की मदद का "स्पष्ट प्रयास" बताया। अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के हमले से उन जेलों की सुरक्षा कमजोर पड़ जाएगी जिसमें इस्लामिल स्टेट के आतंकवादी बंद है।

तुर्की के सीरिया पर हमले से पहले अमेरिका की सेना ने सीरियाई शहरों रास अल-ऐन और टेल अबीद में मोजूद अपनी दो ऑबजर्वेशन पोस्ट को खाली कर दिया था। अमेरिका ने कहा था "तुर्की के "सैन्य अभियान" का अमेरिका न तो समर्थन करेगा न ही इसमें शामिल होगा।" दरअसल, अमेरिकी सैनिक पूर्वोत्तर सीरिया में कुर्द YPG के साथ मिलकर काम करते हैं, जो इस क्षेत्र में सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज का नेतृत्व करता है। कुर्द इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का सबसे प्रभावी सहयोगी है।

तुर्की के राष्ट्रपति बार-बार अमेरिका के कुर्द के साथ करीबी गठबंधन को लेकर निराशा व्यक्त करते रहे हैं, जो उन्हें कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) से जोड़ता है, जिसे तुर्की में एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। हालांकि अमेरिका PKK को तो आतंकवादी समूह मानता है, लेकिन YPG को नहीं। अमेरिका उत्तरी सीरिया में तनाव को कम करने के लिए सीमा के नजदीक सेफ जोन की स्थापित करने पर काम कर रहा है। हालांकि, योजनाएं सफल नहीं हो पाई।

अब एर्दोगन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप उत्तरी सीरिया में सुरक्षित क्षेत्र बनाने पर चर्चा के लिए नवंबर, 2019 में वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे। तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने रविवार को बताया कि दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत के दौरान यह सहमति बनी। एर्दोगन ने ट्रंप के साथ बातचीत में तुर्की की सीमा पर एक बफर क्षेत्र बनाने के समझौते पर निराशा जताई।

 

Created On :   10 Oct 2019 6:21 PM IST

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