जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से भी ज्यादा खर्च कर रहा भारत, इस वजह से हो रही दुनियाभर में चर्चा
- वक्ताओं ने कश्मीर के विकास की तुलना पड़ोसी देश के साथ की
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। भारत सरकार बीते 2 सालों के दौरान जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास को लेकर सुर्खियों में है। अब इसकी चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है। पड़ोसी देश पाकिस्तान पीओके पर उसके विकास के लिए जितना खर्च करता है, उसका 16 गुना ज्यादा भारत जम्मू-कश्मीर पर खर्च कर रहा है। अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद कश्मीर के विकास पर भारत खासा ध्यान दे रहा है। सामाजिक-आर्थिक विकास को लेकर कश्मीर सांस्कृतिक केंन्द्र (वियना) द्वारा एसपीओ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी) के साथ राठौस हॉल में सेमिनार आयोजित किया गया था, जो लोगों के परिप्रेक्ष्य विषय पर था। सेमिनार में आए वक्ताओं ने कश्मीर के विकास की तुलना पड़ोसी देश के साथ की। तथा भारत के कार्यों की तारीफ भी की।
कश्मीर सांस्कृतिक केंद्र, वियना के प्रमुख नईम खान, यूकेपीएनपी के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी, नासिर अजीज खान और साजिद हुसैन जैसे वक्ताओं ने अपनी बात संगोष्टी के दौरान रखी, जिसमें उन्होंने कश्मीर और पीओके पर भारत और पाकिस्तान की तुलना करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान से कई गुना ज्यादा खर्चा कश्मीर पर कर रहा है। सेमिनार के दौरान नईम खान ने भारत और पाकिस्तान के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास की तुलना की, खान ने कहा कि भारत कश्मीर पर 16 गुना अधिक खर्च पीओके की तुलना में करता है।
कश्मीर के सामाजिक विकास में भारत दे रहा ध्यान
विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की तुलना में भारत शिक्षा पर 9 गुना अधिक खर्च करता है। पिछले 2 वर्षों में भारत सरकार का विशेष ध्यान जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास पर रहा है। कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में परियोजनाओं के तेजी से पूरा किया जा रहा है। वॉयस ऑफ वियना की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पर्यटक का बढ़ावा हो रहा है, 2021 में दो दशको में सबसे ज्यादा पर्यटकों की खातिरदारी की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत से सीखना चाहिए और कश्मीर के विकास पहलुओं पर काम करना होगा।
आतंकियों को लेकर नासिर ने कही ये बात
यूकेपीएनपी के प्रवक्ता नासिर अजीज ने कश्मीर में आतंकवाद पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी क्षेत्र में शांति और विकास चाहते हैं। वह आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद कैसे बढ़ाया जाए इस बात पर ध्यान दे रहा है। पाकिस्तान का दावा है कि पीओके एक स्वशासित राज्य है और संवैधानिक नियम से पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। लेकिन यह सिर्फ कहने के लिए है, असल में पीओके के सभी साधन-समाग्री का लाभ पाकिस्तान के लोग लेते है।
दरअसल, पाकिस्तानी कश्मीरियों की स्थिति काफी खराब है। वहां के नागरिकों को न कोई संसाधन मिल पाता है और न कोई अधिकार। वहीं यूकेपीएनपी के एक सदस्य साजिद हुसैन ने कहा कि नवंबर 2022 में होने वाले स्थानीय चुनाव में जुल्फिकार हैदर राजा जैसे राष्ट्रवादी नेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान में विलय के शपथपत्र पर हस्ताक्षार करने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एक तरफ पीओके को एक स्वशासित राज्य होने का दावा करता है और दूसरी तरफ पाकिस्तान में विलय के शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने पर जोर क्यों दे रहा है? पीओके में यही हो रहा है, जो स्पष्ट रूप से दोहरे मापदंड को सामने लाता है।
सेमीनार में वियना राज्य संसद के सदस्य और यूरोपीय एंव अंतर्राष्ट्रीय मामलों की राज्य समिति के अध्यक्ष पीटर फ्लोरियन्सचुट्ज, वियना राज्य संसद के सदस्य और शिक्षा, यूवा, एकता एवं पारदर्शिता समिति के सदस्य सफाक एके, वियना राज्य संसद के पूर्व सदस्य सेनोल अकिलिक ओर एसपीओ पार्टी के अन्य सदस्यों ने वियना राज्य सरकार की सीट राठौल हॉल के अंदर भाग लिया।
Created On :   11 Nov 2022 8:01 PM IST