India China: ‘चाइना स्टडी ग्रुप’ की बैठक में डोभाल, राजनाथ और रावत ने एलएसी के हालात पर समीक्षा की, जानें चीन से अगली बैठक में क्या कहेगा भारत

- आर्मी चीफ ने बताया लद्दाख का ताजा हाल
- कमांडर लेवल की अगली बातचीत के अजेंडे पर चर्चा
- लद्दाख में कई जगहों पर हालात तनावपूर्ण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हालात सामान्य करने के लिए संभावित बातचीत से पहले शुक्रवार को सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त चाइना स्टडी ग्रुप ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के हालात की समीक्षा की। सरकारी सूत्रों के अनुसार चीनी सेना के लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है और क्षेत्र में भारतीय सैनिकों को फिर से डराने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में यह बैठक की गई है। करीब 90 मिनट चली बैठक में तय हुआ कि भारत वार्ता में LAC पर दोनों सेनाओं के अप्रैल की स्थिति में लौटने पर जोर देगा। सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत अगले तीन-चार दिन में हो सकती है।
बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए। इस दौरान अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम समेत 3500 किलोमीटर लंबी LAC के करीब निगरानी और बढ़ाने पर चर्चा हुई। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पूर्वी लद्दाख के हालात की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक चीन को बातचीत के लिए सारी औपचारिकताएं भेज दी गई हैं और उसके जवाब का इंतजार है। पैंगोंग के उत्तरी और दक्षिणी इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन दोनों देशों की सेना संयम बरतते हुए अगले संदेश का इंतजार कर रही हैं।
लद्दाख में कई जगह सेनाओं के बीच हालात तनावपूर्ण
बता दें कि पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारे सहित पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई बिंदुओं पर हालात तनावपूर्ण हैं। पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी तटों पर चीनी सेना ने बीते 3 हफ्तों में भारतीय सैनिकों को डराने की 3 बार कोशिशें की हैं। यहां तक कि 45 साल में पहली बार LAC पर फाइरिंग की गईं।
आर्मी चीफ ने बताया लद्दाख का ताजा हाल
सूत्रों के अनुसार थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बैठक में पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारे पर भारतीय एवं चीनी बलों के फिर से आमने-सामने होने के संबंध में जानकारी दी और इस प्रकार की कोशिशों से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया। बैठक में पूर्वी लद्दाख और अत्यधिक ऊंचाई वाले अन्य संवेदनशील सेक्टरों में सर्दियों में भी सभी अग्रिम इलाकों में बलों और हथियारों का मौजूदा स्तर बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबंधों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इन इलाकों में सर्दियों में तापमान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस चला जाता है।
कमांडर लेवल की अगली बातचीत के अजेंडे पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार बैठक में कोर कमांडर स्तर की अगली वार्ता में भारत द्वारा उठाए जाने वाले मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। वार्ता में 10 सितंबर को मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है। एक सूत्र ने कहा, "हम टकराव के सभी बिंदुओं से चीनी बलों को तुरंत एवं पूरी तरह पीछे हटाने पर जोर देंगे। यह सीमा पर शांति स्थापित रखने की दिशा में पहला कदम है।
15 जून को गलवान घाटी में हुई थी झड़प
बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद हो गए थे। इसमें चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे, लेकिन चीन ने अब तक कोई आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन इससे पूर्वी लद्दाख में तनाव कई गुना बढ़ गया। पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात भारतीय भूभाग पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद स्थिति एक बार फिर से बिगड़ गई थी। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई पर्वत चोटियों पर तैनाती की और किसी भी चीनी गतिविधि को नाकाम करने के लिये क्षेत्र में फिंगर 2 तथा फिंगर 3 इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की है।
चीन फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के इलाकों पर कब्जा कर रहा है। इस इलाके में फैले पर्वतों को फिंगर कहा जाता है। चीन ने भारत के कदम का पुरजोर विरोध किया है। हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि ये चोटियां LAC के इस ओर हैं।
Created On :   19 Sept 2020 2:14 AM IST