Ladakh standoff: गोगरा हाइट्स से हटेंगे भारत और चीन के सैनिक, 12वीं कोर कमांडर लेवल की वार्ता में बनी सहमति
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- 12वीं कोर कमांडर लेवल की वार्ता के दौरान इस क्षेत्र से सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए
- दोनों पक्षों ने पिछले साल मई से इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को तैनात किया था
- भारत और चीन गोगरा हाइट्स इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने पिछले साल मई से इस क्षेत्र में एक दूसरे के खिलाफ अपने सैनिकों को तैनात किया था। सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों देश शनिवार को 12वीं कोर कमांडर लेवल की वार्ता के दौरान इस क्षेत्र से सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए हैं। यह बैठक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के चीनी पक्ष के मोल्डो में हुई थी। यह करीब नौ घंटे तक चली।
दोनों पक्षों के बीच आखिरी डिसएंगेजमेंट अग्रीमेंट लगभग छह महीने पहले हुआ था जब भारत और चीन पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे। गोगरा हाइट्स में डिसएंगेजमेंट तब से पेंडिंग था। सूत्रों ने कहा कि शनिवार के अग्रीमेंट पर फॉलो-अप एक्शन्स निकट भविष्य में होने की उम्मीद है। 25 जून को हुई भारत-चीन सीमा मामलों (WMCC) की बैठक के बाद कोर कमांडर-स्तरीय बैठक का 12वां दौर आयोजित किया गया था। सैन्य वार्ता का 11वां दौर 9 अप्रैल को LAC के भारतीय हिस्से में चुशुल बॉर्डर पॉइंट पर हुआ था और यह लगभग 13 घंटे तक चला था।
बता दें कि भारत और चीन पिछले साल अप्रैल-मई से सैन्य गतिरोध में हैं। 22 जुलाई को विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि विदेश मंत्री (EAM) एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष के साथ हाल की बैठक में सहमति व्यक्त की कि सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता के अगले दौर को जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। एस जयशंकर ने 14 जुलाई को दुशांबे में एससीओ फॉरेन मिनिस्टर मीटिंग के मौके पर स्टेट काउंसलर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने इस मीटिंग में सैन्य कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्त को जल्द से जल्द बुलाने पर सहमति व्यक्त की थी।
उन्होंने बताया था कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि भारत और चीन को शेष सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और "पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान" की तलाश करनी चाहिए। बागची ने बताया था कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि एलएसी पर मौजूदा स्थिति को लंबा करना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है और यह रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
Created On :   3 Aug 2021 5:52 PM IST