युद्ध नहीं रुका तो भारत के इस उद्योग पर पड़ेगा असर, 4500 करोड़ का हो सकता है नुकसान 

If the war does not stop, this industry of India will be affected, there may be a loss of 4500 crores
युद्ध नहीं रुका तो भारत के इस उद्योग पर पड़ेगा असर, 4500 करोड़ का हो सकता है नुकसान 
रूस-यूक्रेन युद्ध युद्ध नहीं रुका तो भारत के इस उद्योग पर पड़ेगा असर, 4500 करोड़ का हो सकता है नुकसान 
हाईलाइट
  • सबसे ज्यादा नुकसान हथकरघा और कपड़ा उद्योग हब पानीपत को होगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर अब भारत के उद्योग पर भी असर दिखने लगा है। भारत में कई सौ करोड़ के कारोबार पर इस युद्ध का सीधा असर पड़ सकता है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान हथकरघा और कपड़ा उद्योग हब पानीपत को होगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध से  यूरोपीय देशों में आयात और निर्यात पर बहुत प्रभाव पड़ा है। उद्योगपतियों का कहना है कि पिछले हफ्ते युद्ध शुरू होने के तुरंत बात भारत और विदेशों में हथकरघा की मांग में अचानक गिरावट आई है।

उधर, पानीपत में उद्योगों के मालिकों ने दावा किया है कि उनके पास कई यूरोपीय देशों और रूस से लगभग 4500 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं, यदि अगले कुछ दिनों तक लड़ाई जारी रही तो उसका सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा।

पानीपत के डाईज एंड केमिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव मनचंदा ने कहा," युद्ध का असर आयात पर पहले से ही देखा जा सकता है क्योंकि जर्मनी और तुर्की से आयात होने वाले कच्चे माल (डाई केमिकल्स) की कीमतों में पहले से 10 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है।"

मनचंदा ने आगे कहा कि युद्ध अगर जल्द समाप्त नहीं हुआ तो कीमतें और बढ़ सकती है। उन्होंने सरकार से शिपमेंट और आयात शुल्क में कुछ राहत देने की मांग की है।

पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रीतम सिंह सचदेवा ने कहा, "हम युद्धे के साइकोलॉजिकल प्रभाव को देख सकते हैं, चूंकि यूरोप भारतीय हथकरघा का सबसे बड़ा बाजार है, खासकर पानीपत में बने घरेलू सामानों की वहां अच्छी मांग है।"

उन्होंने कहा कि ज्यादातर यूरोपीय देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस लड़ाई से जुड़े हुए हैं, जिससे निश्चित ही हमारे उद्योग प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन पहले से ही प्रभावित था लेकिन उद्योगपतियों को कुछ दिन और इंतजार करना होगा और अगर एक महीने तक यही स्थिति बनी रही तो उत्पादन बंद कर दिया जाएगा।

ड्रीम कलेक्शंस पानीपत के मनीष गर्ग ने कहा, "औद्योगिक गतिविधियां कुछ हद तक पहले ही प्रभावित हो चुकी है। कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि निश्चित रूप से व्यापार को प्रभावित करेगी क्योंकि उद्योगपतियों के लिए पुरानी कीमत पर लंबित ऑर्डर देना मुश्किल होगा।"

मनीष ने आगे कहा कि इस युद्ध का सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल पर पड़ेगा, जिससे व्यापार और परिवहन प्रभावित होगा।

Created On :   1 March 2022 10:35 PM IST

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