Human Rights Day: जानिए, इससे जुड़ी कुछ बातें, जो आपके काम आ सकती हैं 

Human Rights Day, know why this day is celebrated and history
Human Rights Day: जानिए, इससे जुड़ी कुछ बातें, जो आपके काम आ सकती हैं 
Human Rights Day: जानिए, इससे जुड़ी कुछ बातें, जो आपके काम आ सकती हैं 
हाईलाइट
  • Human Rights Day
  • अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
  • ह्यूमन राइट्स डे

डिजिटल डेस्क (भोपाल)  आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) है। हर साल 10 दिसंबर को ह्यूमन राइट्स डे मनाया जाता है। इस मौके पर मध्यप्रदेश भाजपा के नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि "अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। आज इस उपलक्ष्य पर सभी मिलकर संकल्प लें कि मानव अधिकारों का हनन कभी भी नहीं होने देंगे"। इस साल कोरोना (corona) महामारी के चलते मानवाधिकार दिवस की थीम ‘फिर से बेहतर-मानव अधिकारों के लिए खड़े हो जाओ’है। आइए, जानते हैं ह्यूमन राइट्स डे से जुड़ी कुछ बातें... 

- यह दिन लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 December के दिन को World Human Rights Day घोषित किया था। इस मौके पर यूएन महासचिव ने संदेश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रयासों, लैंगिक समानता, जनभागीदारी, जलवायु न्याय और टिकाऊ विकास में- मानवाधिकारों को केंद्रीय महत्व देने की आवश्यकता है।

- साल 1948 में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली ने इसको अपनाया, लेकिन आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा साल 1950 में हुई। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक और शिक्षा का अधिकार शामिल है। मानव अधिकारों के तहत मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता और धर्म आदि के तहत प्रताड़ित या वंचित नहीं किया जा सकता है।

- भारत में मानवाधिकार कानून गठन 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने किया था। मानवाधिकार आयोग कई कार्यक्षेत्रों में भी काम करता है। जिसका काम मज़दूरी, HIV एड्स, हेल्थ, बाल विवाह और महिला अधिकार पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है। 

- इसके गठन के बाद से पिछड़े इलाके में रहने वाले लोगों पर अत्याचार में कमी आई है। अब ताकदवर लोग गावों में या पिछड़े इलाकों में गरीबों का शोषण नहीं कर पाते हैं। लोगों के जागरूक होने से उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी होने से वह शोषित होने से बच जाते हैं। 

Created On :   10 Dec 2020 11:19 AM IST

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