गृह मंत्रालय: लॉकडाउन में फंसे मजदूरों-छात्रों को आने-जाने की छूट, नई गाइडलाइन जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देश में लगे लॉकडाउन के कारण हजारों लोग अपने घरों से दूर अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। इस वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने अब ऐसे लोगों को अपने राज्यों में आने-जाने की छूट देकर बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने देश में अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और श्रद्धालुओं को मूवमेंट की इजाजत दी है। लोगों की आवाजाही के दौरान राज्यों को प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एक-दूसरे से संपर्क करना होगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए नई गाइडलाइन भी जारी की है।
Ministry of Home Affairs (MHA) allows movement of migrant workers, tourists, students etc. stranded at various places. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/3JH2YPAuQU
— ANI (@ANI) April 29, 2020
बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे छात्रों, प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों सहित सभी लोगों की आवाजाही की अनुमति दी है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है, सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों पर फंसे अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें। सरकार के इस आदेश के बाद अब हर राज्य दूसरे राज्यों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला सकेंगे और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वापस उनके राज्य भेज सकेंगे।
सभी राज्य नोडल अधिकारियों की करेंगे नियुक्ति
नेशनल एक्जिक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन के तौर पर गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है, लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति अलग-अलग जगहों पर फंसे हैं। ऐसे में उन्हें शर्तों के साथ जाने की अनुमति होगी। लॉकडाउन में फंसे लोगों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए सभी राज्य नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे। राज्यों को अपने लोगों को लाने और दूसरे राज्यों के लोगों को भेजने के लिए उचित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। एक दूसरे के राज्यों में समूह में फंसे लोगों को लाने और ले जाने के लिए राज्य आपस में चर्चा कर उचित व्यवस्था बनाएंगे। बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया है।
लोगों की आवाजाही की व्यस्था को लेकर गृह मंत्रालय की राज्यों के लिए गाइडलाइंस-
- लोगों को उनके गृहराज्य भेजने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे तभी उन्हें जाने की अनुमति दी जाएगी।
- राज्य और केंद्रशासित प्रदेश नोडल अथॉरिटीज नामित करेंगे। ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे। जिन राज्यों के बीच लोगों को लाना ले जाना है, वहां की अथॉरिटी एक दूसरे से संपर्क कर सड़क मार्ग के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेगी।
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बसों के जरिए लोगों की आवाजाही हो सकेगी। लेकिन बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बैठाया जाएगा।
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इन बसों को किसी भी प्रदेश की सीमा पर प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा और उन्हें गुजरने की अनुमति दी जाएगी।
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डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद इन लोगों की लोकल हेल्थ अथॉरिटीज की ओर से जांच की जाएगी।
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बाहर से पहुंचे लोगों को घूमने-फिरने की इजाजत नहीं होगी। इन्हें होम क्वॉरंटाइन में ही रहना होगा। अगर जरूरत पड़ती है तो उन्हें अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है। समय-समय पर इनकी जांच भी होती रहेगी।
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एक जगह से दूसरी जगह पहुंचे लोगों को आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।
Created On :   29 April 2020 12:30 PM GMT