महाराष्ट्र: अजित पवार के साथ सरकार बनाने पर बोले शाह, टाई-अप में कुछ गलत नहीं था

Home Minister Amit Shah speaks on Maharashtra power game
महाराष्ट्र: अजित पवार के साथ सरकार बनाने पर बोले शाह, टाई-अप में कुछ गलत नहीं था
महाराष्ट्र: अजित पवार के साथ सरकार बनाने पर बोले शाह, टाई-अप में कुछ गलत नहीं था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, लेकिन इस पूरे ऐपिसोड में सबसे ज्यादा किरकिरी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हुई। बीजेपी ने शिवसेना के साथ सीएम पद को लेकर हुई अन-बन के बाद एनसीपी नेता अजित पवार पर भरोसा किया और सरकार बना ली। ये सरकार 80 घंटे भी टिक नहीं पाई और गिर गई। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि क्या बीजेपी ने अजित पवार पर भरोसा कर ठीक किया? एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने इसका जवाब दिया है।

अमित शाह ने कहा कि "इस टाई-अप में कुछ भी गलत नहीं था। भाजपा ने कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। भाजपा उनके पास नहीं गई, अजित पवार हमारे पास आए थे।" शाह ने कहा, "अजित पवार को विधायक दल का नेता चुना। उन्हें सरकार बनाने के लिए अधिकृत किया। राज्यपाल ने भी सरकार बनाने को लेकर उनसे ही बात की।"

70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में अजित पवार को कथित क्लीन-चिट पर बोलते हुए, अमित शाह ने कहा, "अजित पवार के खिलाफ एक भी मामला बंद नहीं हुआ है। जिन मामलों को बंद किया गया, वे उनसे संबंधित नहीं हैं। यह निर्णय इस समय अधिकारियों द्वारा नहीं लिया जाना चाहिए था, लेकिन यह अदालतों की निर्धारित समय सीमा के कारण हुआ।" महाराष्ट्र में आगे की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष में बैठेगी और सरकार चलाएगी।

बीजेपी और शिवसेना एक दूसरे पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। शिवसेना जहां दावा कर रही है कि गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उनसे ढाई-ढाई साल के सीएम पद का वादा किया था। वहीं शाह का साफ तौर पर कहना है कि ऐसा कोई वादा कभी भी नहीं किया गया।

अमित शाह ने कहा, "महाराष्ट्र के जनादेश का अपमान करने का काम शिवसेना ने किया है भाजपा ने नहीं। विधायकों के कैम्प लगाने वालों, चुनाव से पहले का गठबंधन तोड़ने वालों को दोष ना देकर आज भाजपा का दोष बताया जा रहा है। अपनी विचारधारा छोड़कर, सभी मूल्यों को त्यागकर ये 3 पार्टियां सरकार बनाने जा रही हैं। मैं एक बार फिर स्पष्ट करता हूं कि हमने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन कभी नहीं दिया।

हमने हर बार यहां तक कि जिन सभाओं में आदित्य ठाकरे या उद्धव जी हमारे साथ स्टेज पर थे हमने वहां भी कहा कि देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे, तब इन्होंने क्यों विरोध नहीं किया? शिवसेना के सभी विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीतें हैं। उनका एक भी विधायक ऐसा नहीं है जिसने मोदी जी का पोस्टर ना लगाया हो। उनकी विधानसभाओं में भाजपा की विधानसभाओं से भी बड़े कटआउट्स मोदी जी के लगे थे। क्या ये सब देश और महाराष्ट्र की जनता नहीं जानती है?"

अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या? मैं शरद जी और सोनिया जी को कहता हूं कि एक बार बोलकर देखे की मुख्यमंत्री उनका होगा और फिर शिवसेना का समर्थन लें। लगभग 100 सीटों वाला गठबंधन 56 सीट वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद दे रहा है ये खरीद फ़रोख़्त ही है।

 

Created On :   27 Nov 2019 4:08 PM IST

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