युवक की मौत पर पुलिस रिपोर्ट से हाईकोर्ट खफा
- हिंसा के दौरान लगी चोटों के कारण युवक की मौत हो गई थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उस घटना पर दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त की, जिसमें 2020 में हुई दिल्ली हिंसा के दौरान 23 वर्षीय एक युवक को वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर किया गया था।
बाद में हिंसा के दौरान लगी चोटों के कारण युवक की मौत हो गई थी।
घटना का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसमें फैजान के रूप में पहचाने गए घायल युवक को जमीन पर लेटा हुआ देखा गया था और कुछ वर्दीधारी लोग उसे वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर करते दिखाई दिए थे।
दिल्ली पुलिस के वकील ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट यह कहते हुए पेश की थी कि इसकी जांच चल रही है और लोगों की पहचान की जा रही है।
हालांकि, न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट न तो यहां है और न ही वहां है।
दिल्ली पुलिस की देरी पर नाराजगी जताते हुए उसने कहा, आपने अपने स्तर पर सबसे अच्छा किया है? ये पांच बच्चे थे, जिन पर हमला किया गया था। एक की मौत हो गई और चार जीवित हैं। यह हत्या का अपराध है न? इस मामले में आपने प्रत्यक्षदर्शियों की मदद नहीं ली है, बल्कि दुनियाभर में घूमे हैं।
मृत युवक की मां, याचिकाकर्ता किस्मतुन की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग करते हुए दलील दी कि सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का कोई अदालती निर्देश नहीं है।
जनवरी में हुई पिछली सुनवाई में भी इसी पीठ ने घटना की जांच में करीब दो साल की देरी को लेकर दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी।
किस्मतुन की याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने उसके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया और उसे स्वास्थ्य देखभाल से वंचित कर दिया, जिस कारण उसने दम तोड़ दिया। अदालत ने हिंसा के दौरान वायरल हुए वीडियो का पता लगाने में देरी पर भी सवाल उठाया था।
फरवरी 2020 में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) विरोधी और समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों ने हिंसक रूप ले लिया था। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहली भारत यात्रा के समय हुई इस तबाही में 50 से अधिक लोगों की जान गई थी।
(आईएएनएस)
Created On :   22 Feb 2022 2:30 PM GMT