हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई से किया इनकार

High court refused to hear in the matter of increasing the number of devotees
हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई से किया इनकार
चारधाम यात्रा हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई से किया इनकार

डिजिटल डेस्क, नैनीताल। चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के मामले में शुक्रवार को सरकार को निराशा हाथ लगी। अदालत ने मामले को सुनने से इनकार कर दिया। अब सोमवार को इस मामले में सुनवाई हो सकती है। मुख्य स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) चंद्रशेखर रावत की ओर से आज इस मामले को न्यायाधीश आरसी खुल्बे और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ के विशेष रूप से संज्ञान में लाया गया। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय की ओर से 16 सितम्बर को एक आदेश जारी कर चारधाम में यात्रियों की संख्या सीमित कर दी गयी है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार की ओर से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने और आदेश में संशोधन करने को लेकर उच्च न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र पहले ही दिया गया है। लिहाजा मामले पर सुनवाई की जाये। सरकार की ओर से अदालत से मांग की गयी है कि बदरीनाथ एवम केदारनाथ में प्रतिदिन 3000 और गंगोत्री तथा यमुनोत्री में क्रमश: 1000 और 700 श्रद्धालुओं के दर्शन की अनुमति दी जाये। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि चारधाम यात्रा में आने वाले में आज तक एक भी कोरोना महामारी का मामला सामने नहीं आया है।

श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी करने से कोई समस्या या खतरा उत्पन्न होने की संभावना नहीं है। सरकार की ओर से इस मामले में तिरूपति बालाजी धाम का भी उदाहरण दिया गया है। कहा गया कि तिरूपति बाला जी में प्रतिदिन 8000 तीर्थया़त्री दर्शन कर रहे हैं। अदालत ने आज इस मामले को सुनने ने इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले को मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की अगुवाई वाली नियमित पीठ सुनेगी। अदालत ने इस प्रकरण को नियमित पीठ के समक्ष रखने को कहा है। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा कि वे सोमवार को इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष रखेंगे और तीर्थयात्रियों के संख्या पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग करेंगे।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने कोरोना महामारी को देखते हुए विगत 28 जुलाई को चारधाम यात्रा पर रोक जारी कर दी थी। सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी लेकिन इसमें सुनवाई नहीं हो पायी। अंतत: सरकार को फिर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा और पिछले महीने अदालत ने शर्तों के साथ रोक हटा दी थी। अदालत ने सरकार को निर्देश दिये थे कि चारधाम यात्रा पर सुविधाओं में बढ़ोतरी करे और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करे। साथ ही अदालत ने बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 व यमुनोत्री में 400 तीर्थयात्रियों को ही जाने की अनुमति दी। रवींद्र, उप्रेती

वार्ता
 

Created On :   1 Oct 2021 8:26 PM IST

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