मुख्य सचिव को चुनाव आयुक्त बनाने पर दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
- अदालत ने नोटिस जारी कर मामले को आगे की सुनवाई के लिए 31 मार्च
- 2022 को सूचीबद्ध किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव की 21 अप्रैल, 2022 से चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक डॉ. नंद किशोर गर्ग द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि यह नियुक्ति राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि मुख्य सचिव को दिल्ली सरकार के सभी प्रशासनिक और नीतिगत फैसलों की जानकारी होती है।
अदालत ने नोटिस जारी कर मामले को आगे की सुनवाई के लिए 31 मार्च, 2022 को सूचीबद्ध किया।
अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने दिल्ली सरकार को चुनाव आयुक्त के रूप में देव की नियुक्ति के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की, क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन है और यह राष्ट्रीय राजधानी में नगर निगमों के होने वाले चुनाव में निहित स्वार्थ को प्रेरित करेगा।
याचिका में नियुक्ति के साथ चुनाव प्रक्रिया के परिणाम में हेरफेर की संभावना का भी आरोप लगाया गया है।
याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 243के का भी उल्लंघन है, जिसके तहत स्वतंत्र चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सुनिश्चित की जाती है।
याचिकाकर्ता ने इसे समय से पहले आया आदेश बताते हुए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए व्यापक दिशा-निर्देश मांगे, ताकि उम्मीदवार की निष्पक्षता और तटस्थता सुनिश्चित की जा सके।
एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों) कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी देव ने 2018 में अंशु प्रकाश के बाद मुख्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया था।
दिल्ली में पिछला नगर निगम चुनाव अप्रैल, 2017 में हुआ था। तीन निगमों - पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों के निर्वाचित सदस्यों का पांच साल का कार्यकाल अप्रैल, 2022 में समाप्त होने वाला है। इस चुनाव में 272 नए नगर पार्षदों को चुना जाना है।
(आईएएनएस)
Created On :   15 Dec 2021 9:00 PM IST