पार्टियों के आंतरिक चुनावों पर लगी याचिका पर HC ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

HC seeks response from Election Commission on petition on internal elections of parties
पार्टियों के आंतरिक चुनावों पर लगी याचिका पर HC ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
दिल्ली पार्टियों के आंतरिक चुनावों पर लगी याचिका पर HC ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर भारत के चुनाव आयोग से जवाब मांगा। जिसमें राजनीतिक दलों के भीतर चुनाव के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। एडवोकेट सी. राजशेखरन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि संगठनात्मक चुनावों से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का राजनीतिक दलों द्वारा उनके सामंती और कुलीन वर्ग के कामकाज के कारण पालन नहीं किया जा रहा है।

मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आयोग को आगे की सुनवाई के लिए 23 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने पहले इसी तरह की एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसे उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देश के साथ निपटाया था कि याचिका को एक प्रतिनिधित्व के रूप में माना जाए। याचिका के अनुसार 13 अगस्त, 1996 को सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य दलों और सभी पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को लिखे एक पत्र में, आयोग ने देखा था कि राजनीतिक दलों द्वारा संगठनात्मक चुनावों से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा था और उनसे पार्टी चुनावों से संबंधित अपने-अपने संविधानों का ईमानदारी से पालन करने का आह्वान किया।

याचिका में प्रतिवादी आयोग से उस पत्र पर अमल करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय और राज्य दलों के रूप में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को विशिष्ट लाभ प्राप्त होते हैं, जिसमें विशिष्ट चुनाव चिह्न्, राष्ट्रीय दलों को बुनियादी ढांचा प्रदान करना आदि शामिल हैं और आम नागरिक और हित समूहों से अपना धन प्राप्त करते हैं। हालांकि, नेतृत्व के पदों के लिए राजनीतिक दलों में अंतर-पार्टी लोकतंत्र की कमी के परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति होती है, जहां राजनीतिक दल को अपने सदस्यों और अपने संविधान के प्रति जवाबदेह ठहराने के लिए कोई तंत्र नहीं होता। कहा गया, हालांकि अधिकांश राजनीतिक दल चुनावों के लिए प्रदान करते हैं, वे अक्सर एक चश्मदीद होते हैं, क्योंकि पार्टियों के भीतर स्थापित राजनीतिक परिवार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के रूप में सत्ता बरकरार रखते हैं।

 

(आईएएनएस)

Created On :   29 Oct 2021 1:00 AM IST

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