AAP के 20 विधायकों का मामला, आज डिविजन बेंच में हो सकती है सुनवाई

HC Double bench may hear AAP plea in disqualification of 20 MLA
AAP के 20 विधायकों का मामला, आज डिविजन बेंच में हो सकती है सुनवाई
AAP के 20 विधायकों का मामला, आज डिविजन बेंच में हो सकती है सुनवाई

डिजिटल डेस्क,दिल्ली। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में फंसे आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों के मामले की सुनवाई आज दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच में हो सकती है। अभी तक इस मामले की सुनवाई सिंगल बेंच में हो रही थी, लेकिन सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मामला डिविजन बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। 

दरअसल सोमवार को ही सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग में शिकायत देने वाले वकील प्रशांत पटेल ने कोर्ट में बताया कि ऐसे मामलों की सुनवाई सिर्फ डबल बेंच में ही हो सकती है। इसके बाद केस डबल बेंच में ट्रांसफर कर दिया गया। इसी के साथ ही हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए अपने उस अंतरिम आदेश को भी बरकरार रखा है जिसमें याचिका की अगली सुनवाई तक उप चुनावों का ऐलान न करने को कहा था। हाईकोर्ट ने इसके अलावा चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को 6 फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। हाईकोर्ट ने विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित सभी रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। 


ये है आप विधायकों की मांग
 
आप विधायकों ने हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की है उसमे कहा गया है कि राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है उसे रद्द किया जाए। वहीं चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि कानून के मुताबिक विधायकों की फिर से ठिक तरीके से सुनवाई हो। इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि जब तक चुनाव आयोग में दोबारा सुनवाई होकर फैसला ना आए तब तक विधायकों की आयोग्यता पर रोक लगे। गौरतललब है कि आप विधायक बार-बार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे है कि उन्हें आयोग ने सुनवाई का मौका नहीं दिया। 
 

क्या है मामला ?

आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। इसके बाद 19 जून को प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया। कानून के मुताबिक, दिल्ली में कोई भी विधायक रहते हुए लाभ का पद नहीं ले सकता है। इसके बाद जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजौरी गार्डन के विधायक के रूप में इस्तीफा देने के साथ उनके खिलाफ कार् बंद कर दी गई थी। इस्तीफे के बाद इन विधायकों की संख्या 20 रह गई।


नियम विरुद्ध नियुक्ति

गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ देल्ही एक्ट, 1991 के तहत दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव का पद हो सकता है। यह संसदीय सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा होगा, लेकिन केजरीवाल ने सीधे 21 विधायकों को ये पद दे दिया। 

 

ये है ऑफिस ऑफ प्रॉफिट 

- आर्टिकल 102 (1) (A) में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का जिक्र किया गया है

- सांसद या विधायक 2 अलग-अलग लाभ के पद पर नहीं हो सकता

- अलग से सैलरी और अलाउंस मिलने वाले पद पर नहीं रह सकता

- आर्टिकल 191(1)(A) के तहत सांसद-विधायक दूसरा पद नहीं ले सकते

- पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के सेक्शन 9 (ए) के तहत लाभ का पद नहीं ले सकते

- लाभ के पद पर बैठा शख्स उसी वक्त विधायिका का हिस्सा नहीं हो सकता

Created On :   30 Jan 2018 10:00 AM IST

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