HC ने दिवंगत नेता के बेटे की नियुक्ति रद्द करते हुए कहा, विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं

HC cancels appointment of late leaders son, says MLA is not a government employee
HC ने दिवंगत नेता के बेटे की नियुक्ति रद्द करते हुए कहा, विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं
केरल HC ने दिवंगत नेता के बेटे की नियुक्ति रद्द करते हुए कहा, विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं
हाईलाइट
  • MLA मौत पर बेटे की विवादित नियुक्ति

डिजिटल डेस्क, कोच्चि। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को कोर्ट के उस फैसले से करारा झटका लगा है जिसमें जिन्होंने दिवंगत माकपा विधायक के. के. रामचंद्रन नायर के बेटे को सरकारी नौकरी मुहैया कराई थी। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए नियुक्ति रद्द कर दी और कहा कि विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं है।

2016 के विधानसभा चुनावों में चेंगानूर विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने के बाद पहली बार विधायक बने नायर का 2018 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया था। विजयन ने एक आश्चर्यजनक निर्णय लेते हुए नायर के बेटे आर. प्रशांत को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में सहायक अभियंता के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया जिसकी काफी समय से भारी आलोचना हो रही थी।

हालांकि पलक्कड़ के एक याचिकाकर्ता अशोक कुमार ने इस संबंध में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की और शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि एक विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं है क्योंकि उनका केवल पांच वर्ष के लिए एक निर्वाचित कार्यकाल होता है। इसलिए डाइंग इन हार्नेस मोड के तहत एक सरकारी नौकरी लागू नहीं होती है। यह कहते हुए अदालत ने इस नियुक्ति को रद्द कर दिया।

संयोग से यह फैसला ऐसे समय में आया है जब विजयन द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से नायर के कर्ज को चुकाने के लिए पर्याप्त राशि मंजूर किए जाने के बाद लोकायुक्त के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   3 Dec 2021 4:00 PM IST

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