गुजरात: हिरासत में मौत का मामला, बर्खास्त IPS अफसर संजीव भट्ट को उम्रकैद
- 1990 में पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति की मौत का मामला
- गुजरात की जामनगर कोर्ट ने सुनाई सजा
- बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को उम्रकैद की सजा
डिजिटल डेस्क, जामनगर। गुजरात की जामनगर कोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले में बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट और उनके सहयोगी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 1990 में जामनगर में हिरासत में एक आरोपी की मौत हो गई थी। उस वक्त भट्ट और उनके साथियों पर आरोपी के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था।
Jamnagar Sessions Court sentences former IPS officer Sanjeev Bhatt to life imprisonment under IPC 302 in 1990 custodial death case. #Gujarat pic.twitter.com/KMkrdDQGlr
— ANI (@ANI) June 20, 2019
दरअसल 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी। संजीव भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे। इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिनमें 25 लोग घायल हुए थे और आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से प्रभुदास माधवजी वैश्नानी नाम के एक व्यक्ति की रिहा किए जाने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। भट्ट और उनके सहयोगियों पर पुलिस हिरासत में मारपीट का आरोप लगा था। संजीव भट्ट और अन्य पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी। 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की इजाजत दी।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 जून) को संजीव भट्ट की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। भट्ट ने याचिका में अपने खिलाफ हिरासत में हुई मौत के मामले में गवाहों की नए सिरे से जांच की मांग की थी। भट्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि, संजीव भट्ट को 2011 में बिना अनुमति के ड्यूटी से नदारद रहने और सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग करने के आरोप में निलंबित किया गया था। अगस्त 2015 में उन्हें बर्खास्त किया गया। 1998 में मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में भी भट्ट गिरफ्तार हुए थे। बनासकांठा के डीसीपी थे। तब भट्ट को पालनपुर में मादक पदार्थों की खेती के एक मामले में 6 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। 1998 में भट्ट बनासकांठा के डीसीपी थे।
Created On :   20 Jun 2019 2:20 PM IST