हार्दिक पटेल के अल्टीमेटम का आज आखिरी दिन, बनेगी बात ?

Gujarat elections: Hardik Patels last day of ultimatum
हार्दिक पटेल के अल्टीमेटम का आज आखिरी दिन, बनेगी बात ?
हार्दिक पटेल के अल्टीमेटम का आज आखिरी दिन, बनेगी बात ?

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात में विधानसभा चुनाव में एक ही महीना बाकी रह गया है, लेकिन अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि पाटीदार नेता आरक्षण को लेकर कांग्रेस का साथ देंगे या नहीं। कांग्रेस को दिए गए हार्टिंक पटेल के अल्टीमेटम का आज आखिरी दिन है। बावजूद इसके अब तक न तो हार्दिक पटेल खुलकर कांग्रेस के पाले में आए हैं और न ही दलित नेता जिग्नेश मेवाणी अपना समर्थन दिखा रहे हैं।

गौरतलब है कि पाटीदारों और कांग्रेस के बीच आरक्षण पर जो पेंच फंस रहा है उसका हल आसान नहीं है। कानून के मुताबिक आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। गुजरात में पहले से ही 49 फीसदी आरक्षण है जिसमें 27% ओबीसी कोटा है। हार्दिक पटेल इसी ओबीसी कोटे में पाटीदार समुदाय को आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। आरक्षण की इसी उलझन में पाटीदारी नेताओं की स्थिति अभी भी साफ नहीं हैं।

गुजरात चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, राज्य में आज राजनीतिक गलियारे की हलचल बढ़ती जा ही है। कांग्रेस के लिए आज का दिन काफी अहम है, क्योंकि आज हार्दिक के अल्टीमेटम का आखिरी दिन है। अगर हार्दिक ने समर्थन दिया तो राजनीति का रूख बदलेगा और नहीं दिया तो कांग्रेस को और ताकत के साथ गुजरात में उतरना होगा, साथ ही ये देखना होगा कि आरक्षण की मांग और समर्थन को लेकर गुजरात में "ऊंट किस करवट बैठता है?" 

दलितों ने भी समर्थन में रखी शर्त

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अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस में शामिल होकर पूरे समर्थन का ऐलान कर दिया है। दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना समर्थन दिया है। चर्चा है कि अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस में शामिल होने से पहले ये शर्त रखी थी कि अधिक संख्या में उसके समर्थकों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाए। सवाल ये भी है कि क्या उत्तरी गुजरात के सभी पटेल वोटर अल्पेश ठाकोर के समर्थकों को वोट देंगे? पार्टीं में सुगबुगाहट है कि पाटीदार अपने समुदाय के नेताओं को छोड़कर किसी दूसरे नेता को वोट देने के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) उत्तर गुजरात में अहम विकल्प हो सकती है। हाल ही में हार्दिक पटेल ने एनसपी नेता प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात भी की थी। साथ ही पाटीदार कांग्रेस के KHAM (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम) थ्योरी का भी हिस्सा नहीं हैं, जिसके दम पर कांग्रेस गुजरात चुनाव जीतना चाहती है। कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में इस थ्योरी को आजमाने का मन बना चुकी है। सियासी विश्लेषकों का भी मानना है कि इस थ्योरी के आधार पर पाटीदार वोटरों को अपने पाले में लाना कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा। 

अमित शाह का गौरव महासंपर्क अभियान 

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वहीं आज से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात में गौरव महासंपर्क अभियान शुरू करने जा रहे हैं। बीजेपी का ये अभियान 12 नवंबर तक चलेगा। शाह के इस अभियान  का मकसद 50 हजार बूथ के वोटर तक संपर्क बनाना है। बता दें शाह के विधानसभा क्षेत्र रहे नारणपुरा से अभियान की शुरुआत होगी।

गुजरात की बीजेपी सरकार ने पिछले साल पाटीदारों को अपने पाले में करने के लिए अप्रैल में पाटीदारों को आर्थिक रूप से कमजोर कोटे से 10% आरक्षण दिया था, जिसे 4 महीने बाद गुजरात हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। 10% से आरक्षण से कुल आरक्षण 59 % हो रहा था जबकि अधिकतम सीमा 50% है।

Created On :   7 Nov 2017 8:52 AM IST

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