काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का होगा भव्य उद्धाटन, निमंत्रण पत्र में लिखा है, मुगल आक्रांताओं ने शिव मंदिर को पहुंचाया नुकसान

- मुगलों ने पहुंचाया शिव मंदिर को नुकसान
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी प्रदेश की जनता को सौगात देने में जुटी है। बता दें कि पूर्वांचल को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्धाटन किए था। अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आगामी 13 दिसंबर को पीएम मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्धाटन करेंगे। मोदी की तरफ से प्रदेश की जनता को बहुत बड़ी सौगात होगी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्धाटन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोगों की आस्था से जुड़ा है, इसलिए बीजेपी एक तीर से दो शिकार भी कर रही है। बता दें कि इस कार्यक्रम में देश भर से 3 हजार लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। साथ ही 500 चुने हुए साधु-संत भी शामिल होंगे।
निमंत्रण पत्र में किया गया है ये जिक्र
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र बंटने शुरू को हो गए हैं। इस निमंत्रण कार्ड पर लिखा है कि वाराणसी, देवाधिदेव महादेव भगवान शिव की नगरी के रूप में पूरे जग में विख्यात हैं। इसे श्रद्धालु काशी के रूप में भी जानते हैं, ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव आज भी साक्षात काशी में विराजमान हैं। यहां मोक्षदायनी मां गंगा के दर्शन भी सुलभ है। सनातन धर्म के केंद्र के रूप में और बौद्ध तथा जैन पंथों के सिद्धों के साथ-साथ संतों, योगियों व कालांतर में शिक्षावादियों ने अपनी साधना और सिद्धि का केंद्र वाराणसी को बनाया है। काशी में विराजमान विश्वनाथ शिवलिंग का ज्योर्तिलिंग द्वादश ज्योर्तिलिंग में प्रमुख स्थान पर है। मध्यकाल में मुगल आक्रांताओं द्वारा इस पावन स्थल को क्षति पहुंचाई थी।
महारानी अहिल्याबाई ने कराई थी पुर्ननिर्माण
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निमंत्रण पत्र में आगे लिखा है कि सन् 1777-1778 ई. में महारानी अहिल्याबाई होलकर ने इस मंदिर परिसर का पुर्ननिर्माण कराया था एवं कालांतर में 19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर पर स्वर्ण शिखर लगवाया था। पत्र में लिखा है कि लगभग 200 वर्षो के बाद भारत के प्रधानमंत्री जो संसद में काशी विश्वनाथ धाम परिसर के नवनिर्माण को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है।
मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं
बता दें कि अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद के पास जब निमंत्रण कार्ड पहुंचा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने कहा, इस निमंत्रण पत्र के मिलने के बाद मैं स्वंय को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। क्योंकि अयोध्या शिलान्यास का भी साक्षी रहा और काशी विश्वनाथ लोकार्पण का भी साक्षी बनने का सुअवसर मिल रहा है। हम सिर्फ विकास के ही मामले में नही बल्कि धर्म, संस्कृति के मामले में भी दुनिया के सामने भारत के गौरवशाली इतिहास को अनुभर कर सकें।
Created On :   11 Dec 2021 7:18 PM IST