सरकार जल्द लाएगी एंटी हेट स्पीच कानून, नफरती कंटेंट पर कसेगी लगाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में नफरती बयानों और कंटेंट से बिगड़ते हालातों के बीच अब जल्द ही सरकार ने एंटी हेट स्पीच कानून लाने का फैसला किया है। इस कानून के तहत सरकार हेट स्पीच की परिभाषा एवं इसका उल्लंघन करने वालों पर सजा का प्रावधान तय करेगी। इस दौरान सरकार सोशल मीडिया या टेलीविजन प्रसारण के कंटेंट का दायरा नहीं तय करेगी। पिछले दिनों कुछ बयानों के चलते देश का माहौल बिगड़ा है, जहां इसकी वजह से क्रूर हत्याएं की गई है।
अभद्र भाषा, अन्य देशों के कानूनों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सभी पहलुओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मसौदा कानून तैयार किया जा रहा है। इसमें सरकार तय करेगी कि लोगों को पता होना चाहिए कि वे जो कह रहे हैं वह कानून के दायरे में आता है या नहीं.
सोशल मीडिया पर लगाम कसने की तैयारी
देश में आज सबसे ज्यादा नफरती कंटेंट सोशल मीडिया के माध्यम से परोसा जा रह है, जहां ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, आदि पर असामाजिक तत्व अपनी पहचान छुपाकर आसानी से इसे पेश कर माहौल बिगाड़ देते है।
देश में फिलहाल हेटस्पीच से निपटने के लिए 7 तरह के कानून का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी हेटस्पीच को उचित रूप से
परिभाषित नहीं किया गया है। यहीं कारण है, सोशल मीडिया पर लोग मनमानी भाषा इस्तेमाल करते है, जो समाज में नफरत का कारण बन जाती है।
फिलहाल, इनके तहत होती है सुनवाई -
1. भारतीय दंड संहिता
धारा 124ए (राजद्रोह): कोई व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है
धारा 153ए: धर्म, नस्ल आदि के आधार पर दुश्मनी
धारा 153बी: राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान
295ए और 298: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना
धारा 505 (1) और (2) अफवाह या नफरत भड़काना
2. जन प्रतिनिधि कानून
धार्मिक, जातीय या भाषायी आधार पर चुनावी दुराचरण
3. नागरिक अधिकार अधिनियम, 1955
4. धार्मिक संस्था कानून
5. केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमन कानून
6. सिनेमैटोग्राफी कानून
7. आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973
Created On :   4 July 2022 1:42 PM IST