उज्बेकिस्तान में जिस दवा कंपनी के कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत, उस पर भारत सरकार ने लिया कड़ा एक्शन, सभी दवाओं पर लगाया बैन
- मैरियन बायोटेक की जिस खांसी की दवा पर आरोप है वो भारत में नहीं अपनी दवा नहीं बेचती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान में भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत के बाद भारत सरकार एक्शन में आ गई है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 30 दिसंबर को ट्विटर पर इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्दी-खांसी की दवा डॉक-1 मैक्स में अशुद्धि की रिपोर्ट को देखते हुए दवा कंपनी मैरियन बायोटेक की सभी दवाओं के प्रोडक्शन पर 29 दिसंबर की रात से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि उज्बेकिस्तान की सरकार ने अपने देश में हुई 18 बच्चों की मौत के लिए भारत के नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक के कफ सिरप को जिम्मेदार माना है। उज्बेकिस्तान के इस दावे के बाद भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है और उसने इस पूरे मामले को लेकर उज्बेकिस्तान सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिया एक्शन, जांच के लिए भेज नमूने
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कंपनी के हेड ऑफिस से खांसी की दवा के सेम्पल लेकर चंडीगढ़ की रीजनल ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि, खांसी की दवाई डॉक -1 मैक्स (Dok1 Max) में अशुद्धि की रिपोर्ट के मद्देनजर मैरियन बायोटेक की सभी दवाओं के उत्पादन को 29 दिसंबर की रात से रोक दिया गया है। वहीं यूपी सरकार के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मीडिया को बताया कि मैरियन बायोटेक की जिस खांसी की दवा पर आरोप है वो कंपनी भारत में यह दवा नहीं बेचती है। उसे केवल उज्बेकिस्तान में निर्यात किया गया है।
उज्बेकिस्तान सरकार ने भारत सरकार से की थी मामले की जांच करने की मांग
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि नोएडा स्थित इंडियन फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित डॉक-1 मैक्स सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत हुई। मंत्रालय ने कहा कि जांच में यह पाया गया है कि जिन बच्चों की मौत हुई है उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करने से पहले डॉक-1 मैक्स सिरप को 2 से 7 दिनों तक 3 से 4 बार दिया गया था। इसके अलावा मंत्रालय ने कहा है कि 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड इस कंपनी ने अपने सिरप के लिए जो मानक निर्धारित किए हैं वो सरकार द्वारा निर्धारित मानक खुराक से ज्यादा हैं। उज्बेकिस्तान सरकार की तरफ से भारत सरकार से इस पूरे मामले की जांच और दोषी कंपनी पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
Created On :   30 Dec 2022 3:42 PM IST