Kulbhushan Jadhav Case: जाधव के वकील की नियुक्ति के लिए भारत को एक और मौका, MEA ने कहा- सरकार हर संभव कदम उठा रही
- कुलभूषण जाधव मामले में इस्लामाबाद HC में सुनवाई टली
- भारत ने कहा- जाधव की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद इंडियन नेवी के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव की इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टलने के बाद विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव श्रीवास्तव ने कहा कि हम कूटनीतिक माध्यमों से पाकिस्तान के संपर्क में हैं। कुलभूषण जाधव की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार हर संभव कदम उठा रही है।
भारत को जाधव के लिए वकील नियुक्त करने का एक और मौका
इससे पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिन में फेडरल गवर्नमेंट को आदेश दिया कि भारत को कुलभूषण जाधव के लिए वकील नियुक्त करने का एक और मौका दिया जाए। अपने फैसले के बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता वाली एक बड़ी बेंच ने की और इसमें जस्टिस आमिर फारूक और जस्टिस मियां गुल हसन औरंगजेब शामिल थे।
2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद है कुलभूषण
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव मार्च 2016 से पाकिस्तान की जेल में हैं। जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। जाधव तक राजनयिक पहुंच के पाकिस्तान के इनकार के बाद भारत ने मई 2017 में ICJ का रुख किया था। भारत ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में "फार्सिकल ट्रायल" को भी चुनौती दी थी। ICJ ने 18 मई, 2017 को फैसला आने तक पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मौत की सजा देने से रोक दिया था।
21 जुलाई को ICJ में भारत के पक्ष में फैसला
इसके बाद 21 जुलाई को आईसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी दिया था। ICJ में 15-1 से भारत के पक्ष में ये फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से भारत को वंचित किया। यह विएना संधि के तहत कॉन्सुलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन है।
पहला कॉन्सुलर एक्सेस 2 सितंबर 2019 को
विएना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस (वीसीआरसी) 1963 के तहत पाकिस्तान ने पहला कॉन्सुलर एक्सेस 2 सितंबर 2019 को प्रदान किया था। इससे पहले जाधव की मां और पत्नी को भी 25 दिसंबर 2017 को उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी। 35 मिनट के करीब चली बैठक में, जाधव ने अपने परिवार से एक इंटरकॉम के माध्यम से बात की थी। इस दौरान दोनों के बीच कांच का पार्टिशन रखा गया था।
पाकिस्तान का झूठा दावा
पाकिस्तान ने ICJ में कहा था कि भारतीय नौसेना अधिकारी एक "जासूस" था कोई व्यापारी नहीं। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को 3 मार्च, 2016 को ईरान से कथित तौर पर घुसने के बाद बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। हालांकि, भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां नौसेना से रिटायर होने के बाद उनके व्यापारिक हित थे।
Created On :   3 Sept 2020 8:33 PM IST