किडनैप होने से लेकर आतंकी हमले का शिकार होने तक, गौतम अडानी ने देखे हैं कई मुश्किल दौर, ऐसे बचती रही जान

Gautam Adanis period of difficulties, whom today
किडनैप होने से लेकर आतंकी हमले का शिकार होने तक, गौतम अडानी ने देखे हैं कई मुश्किल दौर, ऐसे बचती रही जान
गौतम अडानी और मुश्किलें किडनैप होने से लेकर आतंकी हमले का शिकार होने तक, गौतम अडानी ने देखे हैं कई मुश्किल दौर, ऐसे बचती रही जान
हाईलाइट
  • 26/11 हमले में बाल बाल बचे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अडानी ग्रुप की शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। शॉर्ट सेलिंग करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक समय दुनिया की टॉप-5 अमीर लोगों की लिस्ट में रहने वाले शख्स गौतम अडानी इस वक्त 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं। वे महज 10 दिनों के अंदर दुनिया की टॉप-20 अमीर लोगों की लिस्ट से भी बाहर हो गए हैं।

अडानी ग्रुप की कंपनियों का वैल्युएशन 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा घट चुका है। हालांकि, गौतम अडानी पहले भी कह चुके हैं कि वे आंकड़ों के मायाजाल नहीं पड़ते हैं और वे आंकड़ों को ज्यादा महत्व भी नहीं देते हैं। साइकिल पर घर-घर साड़ियां बेचने से लेकर इतना बड़ा बिजनेस एंपायर खड़ा करने वाले अडानी फिलहाल बुरे वक्त से गुजर रहे हैं। लेकिन ये दौर उनके लिए नया नहीं है। वो इससे पहले किडनैपिंग से लेकर आतंकी हमले तक का दौर देख चुके हैं और उन हादसों से उभरकर वापस लौटे हैं।

26/11 हमले में बाल बाल बचे

एक टीवी इंटरव्यू में गौतम अडानी ने उस हमले का जिक्र किया, जिस घटना का मंजर आज भी उनके यादों में तरोताजा है। 26 नवंबर, 2008 के दिन गौतम अडानी दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ के साथ मुंबई के ताज होटल पहुंचे हुए थे। वे मीटिंग खत्म कर वापस ग्राउड फ्लोर में लौट ही रहे थे कि उनके क्लाइंट ने उन्हें कॉफी के लिए रोक लिया। अडानी बताते हैं कि वे होटल के लाउंज में कॉफी का इंतजार कर रहे थे कि तभी अचानक गोलियों की अवाज से पूरा होटल गुूज उठा। चारों और ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार हो रही थी। लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज गूंज रही थी।

उन्हें उस वक्त कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यहां क्या हो रहा है। तब उन्हें होटल स्टाफ ने मेज के नीचे छिपने को कहा। इस दौरान उन्होंने देखा कि आतंकवादी हाथों में बंदूकें लेकर लोगों पर अंधाधुन गोलियां बरसा रहे हैं। कॉरिडोर में बम धमाका किया गया। होटल स्टाफ ने कुछ देर बाद अडानी और वहां मौजूद लोगों को सुरक्षित निकालकर बेसमेंट के किचन में पहुंचाया। उन्हें वहां घंटों तक छिपाकर रखा गया था। फिर अगले दिन एटीएस और सुरक्षाबलों ने अडानी समेत अन्य गेस्ट को सुरक्षित रेस्क्यू किया। गौतम अडानी कहते हैं कि वे आज भी उस मंजर को भूल नहीं पाते हैं। 

1997 में हुए थे किडनैप

26/11 आंतकी हमले के अलावा एक बार और उनकी जान जोखिम में पड़ चुकी है। साल 1997 बात की है जब उन्हें फिरौती के लिए किडनैप कर लिया गया था। तब किडनैपर्स ने उनसे करोड़ों रुपये की मांग की थी। फाइनेंशियल टाइम्स के एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस घटना का जिक्र किया था। पुलिस की चार्जशीट के अनुसार किडनैपर्स ने उनकी कार को जबरन रोक कर उन्हें किडनैप कर लिया गया था। हालांकि आडानी किडनैपर्स की चंगुल से बच निकलने में कामयाब रहे थे। 


 


  

Created On :   3 Feb 2023 9:29 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story