Gangrape: निर्भया मामले में आज फैसला सुनाएगी सुप्रीम कोर्ट, वकील ने कहा- 20 से 30 दिन लगेंगे, दोषियों को फांसी जरूर होगी
- वकील ने दोषी विनय को बताया मानसिक बीमार
- कोर्ट ने कहा- जैल में होती है नियमित जांच
- सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बैंच आज दोपहर 2 बजे सुनाएगी फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और एएस बोपन्ना के साथ न्यायमूर्ति आर. बानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ इस पर आज दोपहर दो बजे फैसला सुनाएगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि मुश्किल से 20 से 30 दिन लगेंगे, दोषियों को फांसी जरूर मिलेगी। डेथ वारंट की भी बस तारीख निश्चित नहीं है, एक न एक दिन इस कोर्ट को डेथ वारंट जारी करना ही होगा।
वहीं दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। अदालत ने माना कि दोषी अपने कानूनी उपायों को उपयोग करने के हकदार हैं और उनके मौलिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की सकती।
रवि काजी दोषी पवन के नए वकील
इसके अलावा अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में एडवोकेट रवि काजी को दोषी पवन गुप्ता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया। चारों दोषियों में से सिर्फ पवन के पास ही सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने कहा कि मैं समझता हूं कि पवन के कानूनी वकील को भी थोड़ा समय मिलना चाहिए, ताकि वह मुवक्किल का प्रभावी प्रतिनिधित्व कर सकें और दोषी को कानूनी सहायता महज दिखावा या सतही कार्रवाई जैसी नहीं लगे।
दोषी विनय को बताया मानसिक बीमार
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में दोषी विनय शर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट एपी सिंह ने अपने मुवक्किल की दया याचिका को खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल उठाए। इस पर अदालत और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तीखी आलोचना की, जो इस मामले में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सिंह ने दोषी विनय की मानसिक स्थिति के संबंध में भी दलील दी। उन्होंने कहा कि विनय मानसिक तौर पर बीमार चल रहे हैं और उनका इलाज भी हो रहा है। सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के शत्रुघ्न चौहान के 2014 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मानसिक बीमारी से पीड़ित दोषियों की मौत की सजा को बदल दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा- जैल में होती है नियमित जांच
इस पर मेहता ने दलीलें देते हुए कहा, उनकी नियमित रूप से जांच की गई, जो नियमित जांच का हिस्सा है। जेल मनोचिकित्सक है, जो हर किसी की जांच करता है। ताजा स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार उनका स्वास्थ्य अच्छा पाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने विनय की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अब शुक्रवार को दोपहर दो बजे इस पर फैसला सुनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट पर मुझे पूरा भरोसा है
सुनवाई के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर मुझे पूरा भरोसा है, शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज होगी, दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। उम्मीद है कि सोमवार को डेथ वारंट जारी होगा। एक न एक दिन वे चारों दोषी फांसी पर जरूर लटकेंगे।
16 दिसंबर 2012 की है घटना
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस जघन्य घटना के बाद पीड़िता को इलाज के लिए सरकार सिंगापुर ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मामले में दिल्ली पुलिस ने बस चालक सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक नाबालिग भी शामिल था। इस मामले में नाबालिग को तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया। जबकि एक आरोपी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस मामले में चार आरोपियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था।
Created On :   13 Feb 2020 6:49 PM GMT