गैंगरेप केस: पटियाला कोर्ट ने निर्भया के दोषियों का तीसरा डेथ वारंट जारी करने से किया इनकार, जेल प्रशासन ने लगाई थी याचिका
- कोर्ट ने कहा- अटकलों के आधार पर डेथ वॉरंट जारी नहीं कर सकते
- पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के 1 फरवरी के डेथ वॉरंट पर रोक लगाई थी
- पवन के पास 2 विकल्प बाकी
- कोर्ट ने दिया है 7 दिन का समय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने सभी दोषियों से शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे, ताकि अदालत इस मामले में कार्यवाही को आगे बढ़ा सके। केस की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष इस बात पर अड़ा रहा कि जब दिल्ली हाईकोर्ट दोषियों को सात दिन का समय दे चुका है तो डेथ वारंट के लिए इतनी जल्दी क्या है और सुप्रीम कोर्ट जाने की क्या जरूरत पड़ गई। इस पर अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट द्वारा दोषियों का डेथ वारंट जारी नहीं करने के बाद पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज कुछ भी पेंडिंग नहीं था, फिर भी मौत की सजा नहीं सुनाई गई। उन्होंने फांसी की तारीख टालने के लिए याचिका डाली, फांसी टल गई। हमने अपने इंसाफ के लिए तारीख मांगी नहीं मिली। "कहीं न कहीं हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है और इंसाफ उनके साथ हो रहा है।"
Asha Devi, mother of the 2012 Delhi gang-rape victim: Today, the Court had the power and we had time. Nothing was pending, yet death warrant has not been issued. It"s injustice to us, I will see till when the Court gives time to the accused and Government supports them. https://t.co/6HvsXu9t1C pic.twitter.com/nOMuwmC6ls
— ANI (@ANI) February 7, 2020
कोर्ट ने कहा- अनुमानों के आधार पर डेथ वारंट जारी नहीं कर सकते
शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो सरकारी वकील इरफान अहमद ने नए डेथ वारंट के लिए अपना आवेदन अदालत में पेश किया। इरफान ने दलील दी कि कोर्ट इस मामले में नया डेथ वारंट जारी कर सकती है, क्योंकि किसी भी दोषी की कोई याचिका पेंडिंग नहीं है। वकील इरफान ने कहा कि अदालत हाईकोर्ट द्वारा दी गई सात दिन की अवधि को ध्यान में रखते हुए डेथ वारंट जारी करे। इस पर जज ने सरकारी वकील से पूछा कि आखिर किस दिन से 14 दिन मानकर हम नया डेथ वारंट जारी करें। तब वकील ने कहा कि पांच फरवरी। कोर्ट ने कहा कि जब कानून दोषियों को जिंदा रहने की इजाजत देता है, तो उन्हें फांसी देना पाप होगा। अदालत ने कहा कि केवल अटकलों और अनुमानों के आधार पर डेथ वॉरंट जारी नहीं किया जा सकता है। अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का भी जिक्र किया, जिसमें दोषियों को कानूनी विकल्प के लिए 11 फरवरी तक का वक्त दिया है।
पटियाला हाउस कोर्ट ने लगाई थी फांसी पर रोक
निचली अदालत ने पिछले महीने 7 जनवरी को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में सभी चार दोषियों को फांसी देने के लिए ब्लैक वॉरंट जारी किया था। हालांकि, एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित रहने की वजह से उन्हें फांसी नहीं दी जा सकी। बाद में कोर्ट ने 17 जनवरी को दोषियों की फांसी की तारीख 1 फरवरी तय की। लेकिन 31 जनवरी को फिर से कोर्ट ने यह कहते हुए कि तीन दोषियों पवन, विनय और अक्षय की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी कि अभी भी इनके कानूनी विकल्प पूरी तरह खत्म नहीं हुए।
Created On :   7 Feb 2020 10:20 AM GMT