अब पाक को नहीं मिलेगा भारत के हिस्से का पानी, पूर्वी नदियों की बदलेंगे दिशा
- इंडस वाटर ट्रीटी से मिला है दोनों देशों को अधिकार।
- कहा- प्रोजेक्ट के जरिए लाएंगे पानी को यमुना में वापस।
- नितिन गडकरी ने किया पाकिस्तान जाने वाले पानी को वापस लाने का ऐलान।
डिजिटल डेस्क, बागपत। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान से बदला लेने की मांग तेज हो गई हैं। भारत सरकार भी पाक की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पहले जहां भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी सामानों पर सीमाशुल्क बढ़ाकर 200 फीसदी कर दिया था वहीं अब उत्तर प्रदेश के बागपत में वाटर ट्रीटमेंट का शिलान्यास करने पहुंचे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तान जाने वाला भारत के हिस्से का पानी रोकने की बात कही है।
गडकरी ने मंच से कहा कि "पाकिस्तान के पास हमारी नदी का जो पानी पहुंच रहा है, उसे हम वापस लाएंगे। भारत और पाकिस्तान अलग होने के बाद हमारी 3 नदियां पाकिस्तान को मिली थीं और 3 नदियां भारत को मिली थीं। हमारी तीन नदियों का अधिकतर पानी पाक में जा रहा था, अब हम अपनी पूर्वी नदियों के पानी की दिशा बदलेंगे और इस पानी की आपूर्ति जम्मू-कश्मीर और पंजाब के अपने लोगों को करेंगे। गडकरी ने बताया कि 1960 में इंडस वाटर ट्रीटी साइन हुई थी, जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि दोनों देशों के पास इन नदियों के पानी की इस्तेमाल करने का अधिकार होगा, लेकिन भारत ने अब तक इस पानी का उपयोग नहीं किया है।
#WATCH Union Minister Nitin Gadkari says,"Bharat aur Pakistan hone ke baad, jo humari 3 nadiyan Pakistan ko mili thi aur 3 Bharat ko mili thi. Humare teen nadiyon ke adhikar ka paani Pak mein ja raha tha, ab uss par 3 project karke yeh paani bhi Yamuna mein wapas la rahe hain." pic.twitter.com/w6EfYi3cGg
— ANI (@ANI) February 21, 2019
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर हम पानी को वापस लाते हैं तो इसका फायदा चीनी मिलों, किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के शाहपुर-कांडी में रावी नदी पर एक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है। उस प्रोजेक्ट की मदद से जम्मू-कश्मीर में रावी नदी का पानी स्टोर किया जाएगा और इस डैम का सरप्लस पानी अन्य बेसिन राज्यों में प्रवाहित किया जाएगा। गडकरी ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया और कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सराकर ने पाकिस्तान को मिलने वाले पानी को रोकने का फैसला किया है।
बता दें कि पाकिस्तान को भारत की तरफ से मिलने वाले पानी को रोकने मांग पहले से उठती रही है। इंडस वाटर ट्रीटी के अनुसार भारत के पास अधिकार है कि वह बैस, रावी और सुतलज जैसी पूर्वी नदियों के पानी को इस्तेमाल कर सकें। वहीं पाकिस्तान के पास इंडस, झेलम और चिनाब नदी के पानी का इस्तेमाल करने का अधिकार हैं।
Created On :   21 Feb 2019 7:49 PM IST