Rafale Deal: भारत के साथ राफेल सौदे की होगी जांच, फ्रांसीसी जज ने दिए आदेश-रिपोर्ट

French judge to probe alleged corruption in Rafale deal: Report
Rafale Deal: भारत के साथ राफेल सौदे की होगी जांच, फ्रांसीसी जज ने दिए आदेश-रिपोर्ट
Rafale Deal: भारत के साथ राफेल सौदे की होगी जांच, फ्रांसीसी जज ने दिए आदेश-रिपोर्ट
हाईलाइट
  • राफेल विवाद में फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया
  • राफेल सौदे में अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के साथ वर्ष 2016 में हुआ अरबों डॉलर का राफेल फाइटर जेट सौदा हमेशा से विवादों में रहा है। वहीं अब इस डील को लेकर फ्रांस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। रिपोर्ट के अनुसार करीब 59,000 करोड़ रुपए के राफेल सौदे में कथित "भ्रष्टाचार" की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी। इसके एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया गया है। 

आपको बता दें कि, करीब 9.3 अरब डॉलर के इस समझौते के तहत भारत को 36 फाइटर जेट दिया जाना है। यह समझौता भारत सरकार और फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी डसाल्‍ट के बीच हुआ था।

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हाल ही में, फ्रांसीसी वेबसाइट मेडियापार्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि, "2016 में हुई इस इंटर गवर्नमेंट डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक रूप से 14 जून को शुरू की गई थी"। इसमें कहा गया कि शुक्रवार को फ्रांसीसी लोक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा द्वारा इस बात की पुष्टि की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, 36 लड़ाकू जेट विमानों के लिए भारत के साथ 59,000 करोड़ रुपए के राफेल सौदे में संदिग्ध "भ्रष्टाचार और पक्षपात" की जांच के लिए एक फ्रांसीसी न्यायाधीश को नियुक्त किया गया है।

फ्रांसीसी वेबसाइट ने अप्रैल 2021 में राफेल सौदे में कथित अनियमितताओं पर कई रिपोर्टें प्रकाशित कीं थी। उन रिपोर्टों में से एक में, मेडियापार्ट ने दावा किया कि फ्रांस की सार्वजनिक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा के पूर्व प्रमुख, इलियाने हाउलेट ने सहयोगियों की आपत्ति के बावजूद राफेल जेट सौदे में भ्रष्टाचार के कथित सबूतों की जांच को रोक दिया। इसने कहा कि हाउलेट ने "फ्रांस के हितों, संस्थानों के कामकाज" को संरक्षित करने के नाम पर जांच को रोकने के अपने फैसले को सही ठहराया।

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आपको बता दें कि, भारत में, राफेल सौदा हमेशा से विवादों में रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने कई बार इस डील को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। यह दावा करते हुए कि एनडीए ने यूपीए सरकार के तहत प्रारंभिक बोली की तुलना में प्रत्येक राफेल विमान की कीमत तीन गुना बढ़ा दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एनडीए के तहत, प्रत्येक विमान के लिए कीमत 1,670 करोड़ रुपए है, जबकि यूपीए के तहत यह 526 करोड़ रुपए थी। हालांकि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जांच में इन आरोपों में कोई दम नहीं पाया था।

Created On :   3 July 2021 4:52 AM GMT

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